स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, इटावा में भागवताचार्य मणिकुमार एवं संत कुमार यादव की ब्राह्मणों द्वारा सिर मुंडवाकर अपमानित व पिटाई करना, मूत्र का छिड़काव करना, बंधक बनाकर प्रताड़ित करना, चमार यादव होकर कथा करते हो कहना, अत्यंत निंदनीय है। इससे स्पष्ट हो गया कि हिंदू धर्म के ठेकेदार इस देश में अनुसूचित जाति, अनु0 जनजाति एवं पिछड़ी जातियों को हिंदू मानते ही नहीं यदि मानते होते तो इन दोनों यादव भगवताचार्य का भी अन्य धर्माचार्यों कि भांति आदर सत्कार व सम्मान होता किन्तू ऐसा नहीं हुआ।
लखनऊ। इटावा में कथावाचक और उसके साथियों से अभद्रता करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। राजनीतिक दल के नेताओं ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दबंगों ने कथावाचक के साथ अभद्रता करते हुए उसके बाल काट दिया था, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इसको लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, क्योंकि हिंदू धर्म तो है ही नहीं यदि होता तो सभी अन्य क्षत्रियों वैश्यों व शूद्रों में आने वाले सभी जातियों को ब्राम्हणों के बराबर का अधिकार होता।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, इटावा में भागवताचार्य मणिकुमार एवं संत कुमार यादव की ब्राह्मणों द्वारा सिर मुंडवाकर अपमानित व पिटाई करना, मूत्र का छिड़काव करना, बंधक बनाकर प्रताड़ित करना, चमार यादव होकर कथा करते हो कहना, अत्यंत निंदनीय है। इससे स्पष्ट हो गया कि हिंदू धर्म के ठेकेदार इस देश में अनुसूचित जाति, अनु0 जनजाति एवं पिछड़ी जातियों को हिंदू मानते ही नहीं यदि मानते होते तो इन दोनों यादव भगवताचार्य का भी अन्य धर्माचार्यों कि भांति आदर सत्कार व सम्मान होता किन्तू ऐसा नहीं हुआ।
क्यों कि हिंदू धर्म तो है ही नहीं यदि होता तो सभी अन्य क्षत्रियों वैश्यों व शूद्रों में आने वाले सभी जातियों को ब्राम्हणों के बराबर का अधिकार होता। अब तो यह भी स्पष्ट हो गया कि जाने- अनजाने जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वास्तव में वह ब्राह्मण धर्म है जो ब्राह्मणों के धन्धे का मुख्य आधार बन गया है। ब्राहमणों के धंधे में कोई हिस्सेदार बने यह ब्राम्हणों को स्वीकार नहीं। इटावा में यादव भागवताचार्य के साथ ब्राम्हणों द्वारा किया गया कुकृत्य और वीभत्स नंगानाच की घोर निंदा करता हूं। देखना यह है कि चुनाव में sc, st व obc को हिंदू कहने वाली भा.ज.पा सरकार इस अमाननीय, असंवैधानिक एवं कानून विरोधी कार्यवाही करने वाले दोषी लोगों की गिरफ्तारी कराती है या नहीं।
बता दें कि, इटावा के बकेवर क्षेत्र के ग्राम दादरपुर में झूठ बोलकर भागवत कथा करने आए हुए भागवताचार्य मुकुट मणि यादव व उनके सहयोगी संत सिंह यादव को न सिर्फ मारा पीटा गया, बल्कि दूसरी जाति का होने के कारण गांव के लोगों ने उनके बाल मुड़वा दिए और परीक्षित बनी महिला के सामने नाक रगड़वाकर माफी मंगवायी। इसके बाद उन्हें गांव से वापस कर दिया गया। इनके तीसरे साथी नाल वादक श्याम कठेरिया से भी मारपीट की गई। उनके वाद्य यंत्रों को तोड़ दिया। दबंगों की इस करतूत के बाद उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने अब इस मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।