जीवन के उल्लास और बाधाओं के बारे में वैदिक ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से बताया गया है। ग्रहों की क्रूरता और दोष से जातकों के जीवन में होने वाली उथल पुथल को संवारने के लिए ज्योतिष शास्त्र में आसान उपाय बताए गए है।
Rudraksha Benefits : जीवन के उल्लास और बाधाओं के बारे में वैदिक ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से बताया गया है। ग्रहों की क्रूरता और दोष से जातकों के जीवन में होने वाली उथल पुथल को संवारने के लिए ज्योतिष शास्त्र में आसान उपाय बताए गए है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति विभिन्न योग और दोषों का निर्माण करती है। जहां कुछ योग अत्यंत शुभ फल देते हैं, वहीं कुछ दोष जीवन में कठिनाइयां और पीड़ा लाते हैं। इन दोषों के निवारण के लिए रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
दोष से मुक्ति के निदान के लिए अलग-अलग प्रकार के रुद्राक्ष को धारण करने के उपाय बताए गए है। इन उपायों को करने से जातक के जीवन में शांति और सफलता आती है।
आइए जानते हैं कि विभिन्न दोषों के निवारण के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
कालसर्प दोष- यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो 8 और 9 मुखी रुद्राक्ष को काले धागे में बुधवार या शनिवार को धारण करना लाभकारी होगा।
केमद्रुम योग- ज्योतिष शास्त्र में केमद्रुम योग को बहुत अशुभ परिणाम देने वाला माना गया है। ऐसे में इस दोष से बचने के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष को सफेद धागे में सोमवार के दिन धारण करें।