यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने शनिवार को महाकुंभ मेले को एकता का संदेश देने वाला तथा देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) एक विराट वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए।
प्रयागराज। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने शनिवार को महाकुंभ मेले को एकता का संदेश देने वाला तथा देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) एक विराट वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए। प्रयागराज दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने शनिवार को अखिल भारतीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा (All India Avdhoot Bhesh Barah Panth-Yogi Mahasabha) के तरफ से आयोजित संत-सम्मेलन में हिस्सा लिया।
योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय हो सकते हैं, उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म। यही मानव धर्म है। भारत में जितनी भी उपासना विधियां हैं वह अलग पंथ और संप्रदाय से भले ही जुड़ी हों, लेकिन निष्ठा और आस्था सब की सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। सबका उद्देश्य तो एक ही है। इसलिए महाकुंभ के इस पावन आयोजन पर हम सबको पूरी दुनिया से आए लोगों को एक ही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री का कहना है कि महाकुंभ का संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा देश।
अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/M2KvVsESSK
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 25, 2025
उन्होंने कहा कि याद रखना, भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, हर संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत के ऊपर कोई संकट आएगा तो सनातन धर्म पर संकट आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म पर संकट आएगा तो भारत के अंदर कोई भी पंथ और संप्रदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस ना करे। वह संकट सबके ऊपर आएगा, इसलिए संकट की नौबत आने ना पाए, इसके लिए एकता का संदेश आवश्यक है। योगी ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि इस महाकुंभ के आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दिन कोटि-कोटि श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी के संगम पर डुबकी लगाकर अभिभूत हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बार-बार कहते हैं की यह सदी भारत की सदी है। भारत की सदी का मतलब हर एक क्षेत्र में भारत को विकास की बुलंदियों को छूना है। लेकिन, प्रत्येक क्षेत्र में देश उन बुलंदियों को तब छू सकेगा जब उस क्षेत्र से जुड़े हुए प्रतिनिधि अपने दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करेंगे। जो राजनीति में हैं वह राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, सीमा पर सेना देश की सुरक्षा का काम कर रही है और धार्मिक जगत से जुड़े हुए हमारे पूज्य संत भी अपना दायित्व निभा रहे हैं। योगी ने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से पवित्र भाव के साथ महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। कोटि-कोटि श्रद्धालु आ रहे हैं। आज यहां पर वर्तमान में दो करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। सभी सड़कों पर लोगों की भीड़ मौजूद है। यह सिलसिला लगातार चलेगा। पिछले 10 दिनों के अंदर महाकुंभ के पावन त्रिवेणी संगम में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और अगले 35 दिन के अंदर यह संख्या 45 करोड़ पहुंचने वाली है।
योगी ने चेताया कि आज जितना सकारात्मक माहौल है, उतनी ही चुनौतियां भी हैं। देश की एकता को, समाज की एकता को कहीं भी खंडित नहीं होने देना है। उन्होंने कहा, ”कुछ लोग हमें बांटना चाहते हैं, भाषा के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं। उन लोगों के किसी भी षड़यंत्र में हमारे पूज्य संतों को नहीं पड़ना है। कोई ऐसी नकारात्मक टिप्पणी हम लोग अपने स्तर पर ना करें। एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए श्री महंत, आचार्य और योगेश्वर का सम्मान किया। उन्होंने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, परमात्मानंद महाराज और निर्मलानंद महाराज को शॉल ओढ़ाकर और गोरखनाथ जी की प्रतिमा भेंट कर उनका स्वागत किया। इनके साथ ही सतुआ बाबा, सुदर्शनाचार्य महाराज, स्वामी धीरेंद्र और स्वामी जितेंद्रनाथ का भी सम्मान किया गया। उन्होंने रामानुजाचार्य, श्रीधराचार्य, शेरनाथ महाराज, उमेशनाथ महाराज, कृष्णनाथ महाराज, समुद्रनाथ महाराज, संख्यनाथ महाराज, रामनाथ महाराज, श्री महंत सोमवरनाथ महाराज और मिथिलेशनाथ महाराज का भी अभिनंदन किया।