अधिकतर लोग शरीर को हेल्दी रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर कच्चे अंकुरित यानि स्प्राउट्स खाना पसंद करते हैं। पर क्या आप जानते हैं सर्दियों में स्प्राउट्स का सेवन शरीर पर बुरा असर डाल सकता है। स्प्राउट्स में भीगे चने,मूंगफली के दाने, साबूत मूंग की दाल और तमाम चीजों को मिक्स करके अंकुरित करके खाया जाता है।
Side effects of eating sprouts:अधिकतर लोग शरीर को हेल्दी रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर कच्चे अंकुरित यानि स्प्राउट्स खाना पसंद करते हैं। पर क्या आप जानते हैं सर्दियों में स्प्राउट्स का सेवन शरीर पर बुरा असर डाल सकता है। स्प्राउट्स में भीगे चने,मूंगफली के दाने, साबूत मूंग की दाल और तमाम चीजों को मिक्स करके अंकुरित करके खाया जाता है।
कई बार अंकुरित अनाज में हार्मफुल बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। आमतौर पर कच्चा ही खाया जाता है तो ये नुकसानदायक बैक्टीरिया पेट में पहुंच जाते हैं। दरअसल, गर्म नमी वाले माहौल में इसमें ई कोलाई और सल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
सर्दियों में गर्मी औऱ नमी नहीं होती ऐसे में अंकुरित होने के लिए अनाज को कई दिनों तक रखना पड़ता है। जिसकी वजह से इसमें नमी और गर्माहट आती है और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
आयुर्वेद में भी सर्दियों के मौसम में कच्चे स्प्राउट्स को खाना नुकसानदायक माना गया है। सर्दियों में पेट की अग्नि मंद पड़ जाती है। जिसकी वजह से कच्चे स्प्राउट्स को पचाने में समय लगता है। जिससे गैस, एसिडिटी, ब्लॉटिंग और डायरिया जैसी दिकक्तें होने लगती हैं।
आयुर्वेद में हर चीज की प्रकृति होती है। कच्चे स्प्राउट्स को ठंडी प्रकृति का माना जाता है। जब इसे कच्चा खाते है तो शरीर में कफ बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से जुकाम हो सकता है।
स्प्राउट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। सर्दियों में ठीक से पाचन न होने की वजह से आंतों में स्प्राउट्स बिना पचे ही पड़ा रहता है और फर्मेट होकर गैस बनाता है। इसलिए अगर आपको सर्दियों में स्प्राउट्स को खाना है तो हल्का पका कर खाएं।