गर्मियों के मौसम में कई दिक्कतें होने लगती है। इन्ही दिक्कतों में से एक है पीलिया। लिवर से जुड़ी यह बीमारी इस मौसम में सबसे अधिक फैलती है। पीलिया में बिलीरुबिन नामक तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसका सबसे पहला संकेत पेशाब के रंग में बदलाव के रुप नजर आता है। इसके अलावा आंखों, नाखून और स्किन का रंग पीला दिखने लगता है।
गर्मियों के मौसम में कई दिक्कतें होने लगती है। इन्ही दिक्कतों में से एक है पीलिया (Jaundice)। लिवर से जुड़ी यह बीमारी इस मौसम में सबसे अधिक फैलती है। पीलिया में बिलीरुबिन नामक तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसका सबसे पहला संकेत पेशाब के रंग में बदलाव के रुप नजर आता है। इसके अलावा आंखों, नाखून और स्किन का रंग पीला दिखने लगता है।
पीलिया (Jaundice) लिवर की बीमारी है, जिसमें लिवर कमजोर हो जाता है और ठीक से काम करना बंद कर देता है। इसके चलके भूख कम हो जाती है। इस बीमारी का अगर शुरुआत में ही इलाज कर लिया जाए तो ठीक हो सकती है आगे चलकर गंभीर स्थिति हो सकती है। आचार्य़ बालकृष्ण ने पीलिया की समस्या के कारणों और इसके इलाज के बारे में बताया है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य़ बालकृष्ण के अनुसार पीलिया (Jaundice) नवजात से लेकर वृद्ध व्यक्ति तक किसी भी उम्र में हो सकता है। पीलिया को घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। पीलिया की समस्या में मरीज की किडनी काम करना बंद कर देती है और भूख भी कम लगती है। ऐसे में मूली और हल्दी का जूस कमजोरी को दूर करके पीलिया को कंट्रोल करने में मदद करता है।
पीलिया (Jaundice) के मरीजों के लिए मूली फायदेमंद होती है। पीलिया के मरीज को सुबह खाली पेट मूली का रस नियमित पीना फायदेमंद हो सकता है। इससे पीलिया में आराम मिलता है। इसके लिए मूली की हरी पत्तियों को पानी में उबालकर छान लें। यह फायदेमंद हो सकता है।
पीलिया के इलाज के लिए हल्दी का जूस बहुत असरदार माना जाता है। पीलिया होने पर एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिला लें। इसे डेली दिन में तीन बार पीएं। हल्दी का जूस शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करेगा और इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। साथ ही हल्दी का जूस बिलीरुबिन को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है।