अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की व्हाइट हाउस में मुलाकात उस समय तीखी बहस में बदल गई जब दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे पर कई गंभीर आरोप लगाए।
Trump and Ramaphosa meeting : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की व्हाइट हाउस में मुलाकात उस समय तीखी बहस में बदल गई जब दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे पर कई गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान भरपूर ड्रामा देखने को मिला। रामफोसा 19 मई को वाशिंगटन पहुंचे थे। वे अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने के इरादे से आए हैं। खबरों के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने इल्जाम लगाया कि साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों की व्यवस्थित ढंग से हत्या हो रही है। ट्रंप ने अचानक मीटिंग में नस्लवाद का मुद्दा उठा दिया और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को घेरने लगे। उन्होंने ओवल ऑफिस की लाइट्स धीमी करके एक वीडियो भी चलाया, जिसमें एक कट्टरपंथी नेता ‘किल द फार्मर’ (किसान को मारो) के नारे वाला गाना गा रहा था। ट्रंप ने कुछ न्यूज़ आर्टिकल्स भी दिखाए और कहा कि गोरे किसानों को ‘भयानक मौत’ का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इस पर जवाब देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। रामाफोसा ने ट्रंप के इल्जामों का सख्ती से खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘हम इन इल्जामों के पूरी तरह खिलाफ हैं। यह हमारी सरकार की नीति नहीं है।’उन्होंने कहा, ”दक्षिण अफ्रीका में हिंसा बढ़ी है, लेकिन इसका शिकार अश्वेत ज्यादा हुए हैं। श्वेत लोगों की कम हत्या हुई है।” रामफोसा ने वीडियो का जिक्र करते हुए कहा, मैंने यह वीडियो पहले कभी नहीं देखा। यह सही है या नहीं, इसकी जांच करवाएंगे। हमारे देश में अपराध से हर वर्ग प्रभावित हुआ है। मेरी अमेरिका यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत करना है।
रामाफोसा ने पूरी मीटिंग के दौरान कई बार हल्की-फुल्की बातों से माहौल को सही करने की भी कोशिश की। बता दें कि साउथ अफ्रीका और अमेरिका के रिश्ते 1994 में रंगभेद (अपारथाइड) खत्म होने के बाद से सबसे खराब दौर में हैं।