'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत पर हमला करने के लिए अपने ड्रोन भेजने वाले तुर्किये के खिलाफ पुणे के सेब कारोबारी खड़े हो गए हैं।
Turkey apple import Demand ban : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत पर हमला करने के लिए अपने ड्रोन भेजने वाले तुर्किये के खिलाफ पुणे के सेब कारोबारी खड़े हो गए हैं। खबरों के अनुसार, सेब कारोबारियों का ने कहा है कि वे आगे तुर्किये से सेब नहीं खरीदेंगे। वहीं दूसरी तरफ सेब उत्पादक तुर्किये से इस फल के आयात पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं। सेब व्यापारियों ने तय किया है कि इसकी जगह वे सेब की खरीदारी हिमाचल प्रदेश और अन्य जगहों से करेंगे। खुदरा कारोबारी (retail trader) भी तुर्किये का सेब खरीदने से मना कर रहे हैं। तुर्किये से आने वाले सेब पुणे में तीन महीने तक बिकता है और इस दौरान करीब 1200 से 1500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है।
सेब उत्पादक तुर्किये से इस फल के आयात पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मिलने की योजना बना रहे हैं। सीमा पर संघर्ष के दौरान उसने कथित तौर पर पाकिस्तान के साथ समर्थन जताया था। इसी कारण उसके खिलाफ देश में रोष उभर रहा है। भारत सालाना तुर्किये समेत 40 देशों से लगभग 3 लाख से 5 लाख टन सेब का आयात करता है। व्यापार सूत्रों के अनुसार वर्ष 2023-24 में भारत ने तुर्किये से रिकॉर्ड लगभग 1,60,000 टन सेब का आयात किया।
हिल स्टेट हॉर्टिकल्चर फोरम और हिमाचल प्रदेश किसान संयुक्त मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि हमने सरकार से उस देश से सभी बागवानी आयात रोकने का अनुरोध करने का फैसला किया है।’ यह बागवानी फोरम हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादकों का संयुक्त मंच है। उन्होंने कहा कि तुर्किये से आने वाली कुछ अन्य बागवानी फसलों जैसे चेरी और अन्य फलों के आयात पर भी तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च होने से कुछ दिनों पहले तुर्किये का एक पोत कराची आया था। समझा जाता है कि इस पोत में तुर्किये के सोंगर ड्रोन थे। आठ और नौ मई को पाकिस्तान ने श्रीनगर से लेकर गुजरात तक भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों एवं रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए ड्रोन एवं मिसाइलों से हमले किए लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इन सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में मार गिराया।