देश को आजाद हुए 78 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी देश में कई जगहों पर लोगों को मुलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है। सरकार दावा करती है कि देश के बड़े-बड़े शहरों को एकदूसरे से जोड़ने के लिए सड़के बनाई जा रही है, लेकिन कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर लोगों को जान पर खेलकर सफ़र करना पड़ता है।
मुनस्यारी: देश को आजाद हुए 78 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी देश में कई जगहों पर लोगों को मुलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है। सरकार दावा करती है कि देश के बड़े-बड़े शहरों को एकदूसरे से जोड़ने के लिए सड़के बनाई जा रही है, लेकिन कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर लोगों को जान पर खेलकर सफ़र करना पड़ता है। ऐसा ही एक वीडियो उत्तराखंड के मुनस्यारी का वीडियो वायरल हैं, जहां स्कूल की छात्राओं को अपनी जान पर खेलकर नदी पर लगी हैण्ड ट्रॉली से नदी पार करनी पड़ती है। जबकि उत्तरखंड में भारतीय जनता पार्टी 2017 से लगातार सत्तारूढ़ है और केंद्र में 2014 से सत्ता में है। लेकिन केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद मुनस्यारी के नौनिहाल रस्सी के सहारे भविष्य संवारने के लिए रोज करते हैं जानलेवा सफ़र करने को मजबूर हैं।
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ये वीडियो इंस्टाग्राम पर Brut India नाम के हैंडल से शेयर किया गया है और इन्होंने इसकी पूरी स्टोरी की है। पत्रकार त्रिभुवन चौहान ने इस स्टोरी को किया है। वीडियो में देख सकते है कि स्कूली छात्राएं कैसे अपनी जान को जोखिम में डालकर हैण्ड ट्रॉली का सफ़र कर रही है। छात्राएं हाथों से रस्सी को खींचते हुए नदी के इस पार के उस पार जा रही है।
ऐसे होगा विकास? आज 2025 के बजट में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की ये व्यवस्था है
पत्रकार त्रिभुवन चौहान द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में, नौवीं क्लास की दो छात्राओं को स्कूल जाने के लिए रस्सी से बंधी ट्रॉली का उपयोग करके नदी पार करते देखा जा सकता है। किसी की भी मदद के बिना वे खुद को रस्सी के सहारे खींचकर नदी की दूसरी तरफ जा रही है। इस दौरान चौहान कहते हैं ,’ ऐसे होगा विकास? आज 2025 के बजट में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की ये व्यवस्था है। आगे वे कहते है, ये है हमारा भविष्य।
अब करीब 70 गांवों को जोड़ने के लिए ये एकमात्र साधन
ब्रूट इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है की इसको जोड़ने वाले ब्रिज साल 2013 में नष्ट हो गया था और अब तक इस ब्रिज को नहीं बनाया गया है। 10 साल पहले रस्सी के सहारे ट्रॉली सेवा शुरू की गई थी और अब करीब 70 गांवों को जोड़ने के लिए ये एकमात्र साधन है। इस दौरान चौहान ने इस व्यवस्था को लेकर रोष भी प्रकट किया है। इस वीडियो को काफी देखा जा रहा है और इसे सात मिलियन से अधिक बार देखा गया है।इंस्टाग्राम यूजर्स ने कमेंट सेक्शन को कमेंट से भरा हुआ है।