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टीवी, AC, फ्रिज खरीदे जाने के दिन से शुरू नहीं होगी वारंटी, ऐसा क्यों फैसला ले रही है सरकार

टीवी (TV), फ्रिज (Fridge) , एसी (AC), वॉशिंग मशीन (Washing Machine) जैसे इलेक्‍ट्रॉनिक सामानों की वारंटी से संबंधित शिकायतों के लगते अंबार का परमानेंट समाधान निकालने को अब सरकार सक्रिय हो गई है। सरकार चाहती है कि कंपनियों अपनी गारंटी और वारंटी प्रक्रिया में बदलाव करें।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्‍ली। टीवी (TV), फ्रिज (Fridge) , एसी (AC), वॉशिंग मशीन (Washing Machine) जैसे इलेक्‍ट्रॉनिक सामानों की वारंटी से संबंधित शिकायतों के लगते अंबार का परमानेंट समाधान निकालने को अब सरकार सक्रिय हो गई है। सरकार चाहती है कि कंपनियों अपनी गारंटी और वारंटी प्रक्रिया में बदलाव करें। सरकार चाहती है कि वारंटी की शुरुआत सामानों की बिक्री की तारीख से नहीं होनी चाहिए। इसकी जगह पर वारंटी की शुरुआत इंस्टॉलेशन की तारीख से होनी चाहिए। पिछले साल नवंबर में भी उपभोक्‍ता मामलों के तत्‍कालीन सचिव रोहित कुमार (Secretary Rohit Kumar) ने इस संबंध में व्हाइट गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों और उद्योग संगठनों को पत्र लिखा था। अब एक बार फिर उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय ने सभी कंपनियों से 15 दिन में इस बारे में अपनी राय भेजने को कहा है।

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व्हाइट गुड्स ऐसे सामान होते हैं, जिन्हें एक्सपर्ट के द्वारा इंस्टॉल कराए जाने की जरूरत होती है। ग्राहक खुद इसको इंस्‍टॉल नहीं कर सकता। जैसे टीवी, एसी इत्‍यादि। सरकार का कहना है कि जिन इलेक्‍ट्रोनिक उपकरणों को एक्सपर्ट के द्वारा इंस्टॉल कराए जाने की जरूरत होती है, उन्‍हें जब तक इंस्टॉल नहीं किया जाता तब तक उनका वारंटी पीरियड शुरू नहीं होना चाहिए। बिना इंस्‍टॉल किए ही कई बार लंबे समय तक ऐसे सामान ग्राहकों के पास पड़े रहते हैं। ऐसे में जब बिक्री की तारीख से वारंटी का समय शुरू हो जाता है तो ग्राहकों को नुकसान होता है।

आ रही हैं शिकायतें

कंपनियों द्वारा वारंटी के वादे को सही से पूरा नहीं करने की बहुत सी शिकायतें मंत्रालय के पास आ रही हैं। इसी को देखते हुए मंत्रालय अब इस समस्‍या का पूर्ण समाधान चाहता है। उपभोक्‍ता मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सेंट्रल कंज्‍यूमर प्रोटेक्‍शन अथॉरिटी (Central Consumer Protection Authority) ने कंपनियों के साथ इस विषय में बैठक भी की है। कंज्‍यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी और चीफ कमिश्‍नर निधि खरे (Chief Commissioner Nidhi Khare) की अध्‍यक्षता में हुई एक बैठक में भी वारंटी पीरियड का मुद्दा उठा था कि कंपनियों द्वारा खरीदारी की तारीख से वारंटी पीरियड (Warranty Period) शुरू करना गलत है। होना यह चाहिए कि जब से उपकरण का इस्‍तेमाल शुरू हो, उस दिन से वारंटी पीरियड (Warranty Period)  की गिनती की जाए।

खरे ने कहा कि ग्राहकों को वारंटी पीरियड (Warranty Period)  की सही जानकारी प्रोडक्‍ट खरीदते वक्‍त ही देनी चाहिए। उसे यह बताया जाना चाहिए कि वारंटी पीरियड (Warranty Period)  कब शुरू होगा? कंपनियों को भारत में भी वैश्विक प्रथाओं का अनुसरण कर उपभोक्‍ताओं की शिकायतों का तुरंत समाधान करना चाहिए।

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नवंबर 2023 में भी लिखा था पत्र

उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय ने पिछले साल नंवबर में भी व्हाइट गुड्स बनाने वाली कंपनियों को अपनी गारंटी व वारंटी नीति में संशोधन करने के लिए पत्र लिखा था। यह पत्र सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और पीएचडीसीसीआई जैसे 6 उद्योग संगठनों और सैमसंग, एलजी, पैनासोनिक, ब्लू स्टार, केंट, व्हर्लपूल, वोल्टास, बॉश, हैवेल्स, फिलिप्स, तोशिबा, डाइकिन, सोनी, हिताची, आईएफबी, गोदरेज, हायर, यूरेका फोर्ब्स और लॉयड जैसी कंपनियों को लिखा गया है।

 

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