1. हिन्दी समाचार
  2. सेहत
  3. World Cerebral Palsy Day 2025: क्या है सेरेब्रल पाल्सी? आसानी से पहचाने इसके लक्षण

World Cerebral Palsy Day 2025: क्या है सेरेब्रल पाल्सी? आसानी से पहचाने इसके लक्षण

सेरेब्रल पाल्सी  ब्रेन डिसऑडर्स है जो शरीर के मूवमेंट, मांसपेशियों की टोन, आसन और बैलेंस को प्रभावित करता है। यह बचपन में होने वाला सबसे आम मोटर डिसऑर्डर है। ये कोई बीमारी नहीं है बल्कि दिमाग में असामान्य विकास या डैमेज के कारण होने वाली एक परमानेंट कंडीशन है। इस कंडीशन के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को वर्ल्ड सेरेब्रल पाल्सी डे (World Cerebral Palsy Day 2025) मनाया जाता है। इस साल यह दिन 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। चलिये जानते हैं कि ये क्यों होता है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

By Aakansha Upadhyay 
Updated Date

आज  सेरेब्रल पाल्सी डे है।  इस मौके पर आज हम आपको इसे लेकर बहुत कुछ बताएँगे ।सेरेब्रल पाल्सी    ब्रेन डिसऑडर्स है जो शरीर के मूवमेंट, मांसपेशियों की टोन, आसन और बैलेंस को प्रभावित करता है। यह बचपन में होने वाला सबसे आम मोटर डिसऑर्डर है। ये कोई बीमारी नहीं है बल्कि दिमाग में असामान्य विकास या डैमेज के कारण होने वाली एक परमानेंट कंडीशन है। इस कंडीशन के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को वर्ल्ड सेरेब्रल पाल्सी डे (World Cerebral Palsy Day 2025) मनाया जाता है। इस साल यह दिन 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। चलिये जानते हैं कि ये क्यों होता है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

पढ़ें :- Health Tips : भुने चने में मिलने वाला औरामाइन कितना खरनाक है? यहां जाने पूरी सच्चाई

क्या होता है सेरेब्रल पाल्सी?

यह दिमाग के उस हिस्से में डैमेज होने के कारण होता है जो मूवमेंट को कंट्रोल करता है। यह डैमेज आमतौर पर जन्म से पहले, जन्म के दौरान, या जन्म के तुरंत बाद बच्चे के विकासशील दिमाग में हो सकती है, जैसे कि दिमाग तक भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंचना या इन्फेक्शन। यह एक नॉन प्रोग्रेसिव डिसऑर्डर है, जिसका मतलब है कि समय के साथ बढ़ता नहीं है, लेकिन इसके लक्षण बदल सकते हैं और जीवन भर बने रह सकते हैं।

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण कैसे हैं?

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण हर किसि में अलग अलग तरह पाया जाता  है । ये लक्षण हल्के (जैसे अजीब चाल) से लेकर गंभीर (जैसे चलने में पूरी तरह असमर्थता) तक हो सकते हैं। आमतौर पर, डॉक्टर बच्चे के 2 से 3 वर्ष का होने तक इन लक्षणों की पहचान कर पाते हैं।

पढ़ें :- Health Tips : मकड़ी के काटने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

– मांसपेशियों की टोन में असामान्यता- मांसपेशियां बहुत कठोर या बहुत ढीली हो सकती हैं।

-खराब कॉर्डिनेशन- चलने में अस्थिरता या हाथ-पैरों की गति में तालमेल की कमी।

– चलने में परेशानी- टांगों को क्रॉस करके या कैंची की तरह चलते हैं, पैर की उंगलियों पर चलना या चलने या खड़े होने में बैलेंस न बना पाना

– शरीर के एक हिस्से का इस्तेमाल- बच्चा दूसरे हाथ या पैर की तुलना में एक तरफ का ज्यादा इस्तेमाल करता है।

-बोलने में परेशानी- आवाज को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों की कमजोरी के कारण बोलने में परेशानी।

पढ़ें :- चुकंदर या शकरकंद, सर्दियों में हेल्दी और फिट रहने के लिए क्या खाना है ज्यादा बेहतर?

-निगलने में समस्या- खाने या पीने में कठिनाई, ज्यादा लार टपकना।

-दौरे कुछ बच्चों में मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।

– दर्द मांसपेशियों की अकड़न और जोड़ों में दर्द या असुविधा।

 

 

 

पढ़ें :- Health Tips : आर्थराइटिस नहीं है फिर भी दर्द? डॉक्टर ने बताए इसके कारण और बचाव के तरीके

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...