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Vaikuntha Ekadashi 2025 : वैकुंठ एकादशी के दिन करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा, जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है

हिंदू धर्म में सभी एकादशी का विशेष महत्व होता है। लेकिन भगवान विष्णु की प्रिय वैकुंठ एकादशी का विशेष महत्व माना गया है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Vaikuntha Ekadashi 2025 :  हिंदू धर्म में सभी एकादशी का विशेष महत्व होता है। लेकिन भगवान विष्णु की प्रिय वैकुंठ एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। वैदिक गणना के अनुसार, वैकुंठ एकादशी का पर्व सूर्य के धनु राशि में गोचर के दौरान आता है। यह पर्व आमतौर पर पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।

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पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति शीघ्रता से वैकुंठ एकादशी का व्रत करता है, वह सभी सुखों को भोगकर अंततः वैकुंठ धाम में प्रवेश करता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है वह पापों से मुक्त हो जाता है। वैकुंठ एकादशी नए साल 2025 की पहली एकादशी होगी।

 वैकुंठ एकादशी तिथि
एकादशी तिथि 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे शुरू होती है और 10 जनवरी 2025 को सुबह 10:19 बजे समाप्त होती है। वैकुंठ एकादशी व्रत 10 जनवरी 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा।

कृष्ण महामंत्र का जाप करें
1. अपने नजदीकी विष्णु या कृष्ण मंदिर में जाएँ और भगवान का आशीर्वाद लें।
2. जितना संभव हो सके हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करें।
3. भगवद गीता पढ़ें और उनके दिव्य निर्देशों के माध्यम से भगवान से जुड़ें।
4. एकादशी व्रत रखें और प्रसाद बाँटें।
5. भगवान की सेवा करने के लिए

 

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