1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन 1.5 से 02 लाख श्रद्धालु कर सकेंगे रामलला के दर्शन, सीएम योगी बोले-दर्शन के लिए नहीं करना पड़ेगा किसी को इंतजार

प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन 1.5 से 02 लाख श्रद्धालु कर सकेंगे रामलला के दर्शन, सीएम योगी बोले-दर्शन के लिए नहीं करना पड़ेगा किसी को इंतजार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, देश और दुनिया के सनातन धर्मावलम्बियों, अनुयायियों, श्रद्धालुओं को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त श्रीरामलला के दर्शन करने और नई श्री अयोध्या जी को देखने का अवसर प्राप्त होगा। हमारा प्रयास है कि श्रीराम मंदिर में प्रतिदिन 1.5 से 02 लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकें और लोगों को ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद देशभर से बड़ी संख्या में लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। इसको लेकर भी तैयारियां की जा रही हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसको लेकर भी तैयारी पूरी हो यगी है।

पढ़ें :- UP News : धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा,कहा मुझे फर्जी मुकदमे में हुई थी सजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, देश और दुनिया के सनातन धर्मावलम्बियों, अनुयायियों, श्रद्धालुओं को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त श्रीरामलला के दर्शन करने और नई श्री अयोध्या जी को देखने का अवसर प्राप्त होगा। हमारा प्रयास है कि श्रीराम मंदिर में प्रतिदिन 1.5 से 02 लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकें और लोगों को ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े।

बता दें कि, राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई प्रतिमा विराजित हो गई है। हालांकि इसे अभी देखा नहीं सकेगा। 22 जनवरी को प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद ही उस दिव्य और विराट मूर्ति के दर्शन हो सकेंगे। कल देर शाम वह प्रतिमा मंदिर परिसर लाई गई थी।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विधिवत कर्मकांड गुरुवार को गणेश पूजन के साथ शुरू हो गया है। शुभ मुहूर्त में दोपहर 1ः20 बजे गणेश पूजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा के पूजन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, बुधवार को रामजन्मभूमि परिसर पहुंचे रामलला को अपने आसन पर विराजमान कर दिया गया है। गर्भगृह में कमल की आकृति वाले संगमरमर के सिंहासन पर रामलला की अचल मूर्ति को वैदिक आचार्यों ने विधिविधान पूर्वक विराजित कर दिया है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...