केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर बुधवार बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का एलान कर दिया है। यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, जाति जनगणना का फ़ैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है।
लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर बुधवार बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का एलान कर दिया है। यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, जाति जनगणना का फ़ैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे। ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है। ये INDIA की जीत है।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी, जिसके सबसे मुखर पक्षधर राहुल गांधी रहे। आज मोदी सरकार ने Census के साथ जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। ये सही कदम है जिसकी हम पहले दिन से मांग कर रहे थे।
मैंने कई बार इसे संसद में उठाया और प्रधानमंत्री जी को पत्र भी लिखा। INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी कई बार जातिगत जनगणना की माँग की है और लोकसभा चुनाव में ये अहम मुद्दा बना। बार-बार प्रधानमंत्री मोदी जी सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे।
उन्होंने आगे कहा, जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है। जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल ₹575 करोड़ का आवंटन है, इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी। कांग्रेस पार्टी ये मांग करती है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द, बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे। जातिगत जनगणना ज़रूरी है, हिस्सेदारी न्याय के बिना सबकी प्रगति अधूरी है।