बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां शारदा की विशेष पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का पर्व हर साल पूरे देश में बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है।
Basant Panchami Saraswati Puja 2025 : बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां शारदा की विशेष पूजा की जाती है। बसंत पंचमी का पर्व हर साल पूरे देश में बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। गुप्त नवरात्रि के पांचवें दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है इन्हे सरस्वती पूजा के नाम से जाना जाता है यह त्योहार बसंत ऋतू के आगमन का प्रतिक है इस दिन से होली का आरंभ हो जाता है
इस दिन विद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में विशेषकर मां सरस्वती की पूजा होती है, हवन होता है और पीले फूलों से साज-सज्जा की जाती है। यह दिन शिक्षा और कला जगत के लिए विशेष होता है। इस दिन शिक्षा सामग्री की भी पूजा की जाती है। पूजा के समय पीले पुष्प को देवी मां को अर्पित किया जाता है।
सरस्वती पूजन
03 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जायेगा।
पंचमी तिथि का आरंभ 02 फरवरी 2025 को सुबह 11:53 से आरंभ होगा।
पंचमी तिथि का समाप्ति 03 फरवरी 2025 को दोपहर 01:36 मिनट को समाप्त होगा।
मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)
1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’
2. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
उपाय
1.बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता। हर वक्त पढ़ाई से जी चुराता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हरे रंग फल अर्पित करना चाहिए।
2.बच्चे के स्टडी रूम में माता सरस्वती का एक चित्र रखें और बच्चे को पढ़ाई करने से पहले नियमित रूप से माता को हाथ जोड़ कर प्रणाम करने के लिए कहें।