बिजनौर-किरतपुर (Bijnor-Kiratpur) के बीच मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे (Meerut-Pauri National Highway) पर तेज रफ्तार मारुति वैन ने बाइक में टक्कर मार दी। इसमें बाइक सवार रविंद्र (35), उनकी पत्नी शीतल (30) और छह साल की बेटी आयुषी की मौत हो गई। तीन मौत से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बिजनौर। बिजनौर-किरतपुर (Bijnor-Kiratpur) के बीच मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे (Meerut-Pauri National Highway) पर तेज रफ्तार मारुति वैन ने बाइक में टक्कर मार दी। इसमें बाइक सवार रविंद्र (35), उनकी पत्नी शीतल (30) और छह साल की बेटी आयुषी की मौत हो गई। तीन मौत से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव डबासो वाला उमरी निवासी रविंद्र पुत्र उदल गुरुवार को अपनी पत्नी शीतल और बेटी आयुषी को संग लेकर बाइक से बिजनौर के लिए निकला था। आयुषी बीमार चल रही थी, जिसे चिकित्सक से दवाई दिलवाने के लिए दोनों जा रहे थे। मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे (Meerut-Pauri National Highway) पर गांव बूढ़पुर नैन सिंह के पास सामने आ रही मारुति वैन (Maruti Van) ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही रविंद्र, शीतल और आयुषी गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायल पिता-पुत्री को एक टाटा सूमो (Tata Sumo) से तुरंत जिला चिकित्सालय (District Hospital) पहुंचाया, जबकि शीतल को थाना प्रभारी राकेश कुमार (Police station in-charge Rakesh Kumar) ने अपनी गाड़ी से अस्पताल भेजा।
मेडिकल अस्पताल (Medical Hospital) में घायल दंपती को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घायल आयुषी को रेफर कर दिया, जिसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ देर के बाद आयुषी की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। एक साथ तीन मौत से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव में भी मातम पसरा हुआ है।
मारुति वैन का टायर फटने से हुआ हादसा
हादसे के दौरान मारुति वैन (Maruti Van) का अगला टायर फट गया था। वैन बिजनौर (Bijnor) की ओर से तेज गति से आ रही थी और वह अनियंत्रित होकर बाइक से टकरा गई।
अनबन के बाद सुलह हुई तो जिंदगी ने छोड़ दिया साथ
रविंद्र और उसकी पत्नी शीतल के बीच काफी दिनों से अनबन चल रही थी। अब बेटी बीमार हुई तो दोनों में सुलह हो गई, मगर जिंदगी ने साथ छोड़ दिया। 19 दिसंबर को रविंद्र का अपनी पत्नी शीतल से झगड़ा हो गया था। झगड़ा भी ऐसा हुआ कि शीतल ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने रविंद्र को गिरफ्तार कर लिया और शांतिभंग में चालान कर दिया था। जमानत मिलने के बाद रविंद्र घर पहुंचा और कई दिनों तक दोनों के बीच अनबन बनी रही। बेटी आयुषी बीमार पड़ी तो लाडो की खातिर दोनों में सुलह हो गई। मगर नियती को कुछ और ही मंजूर था।