एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में औसत भारतीय परिवारों में बोतलबंद शीतल पेय(bottle soft drinks) की खपत बढ़ी है, जो वित्त वर्ष 24 में 50 प्रतिशत की वार्षिक पहुंच को पार कर गई है।
Bottle soft drink consumption: एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में औसत भारतीय परिवारों में बोतलबंद शीतल पेय(bottle soft drinks) की खपत बढ़ी है, जो वित्त वर्ष 24 में 50 प्रतिशत की वार्षिक पहुंच को पार कर गई है। कैंटर एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट (Kantar FMCG Pulse) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार गर्मी बढ़ने के साथ इस रुझान में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक औसत परिवार में पिछले दो वर्षों में बोतलबंद सॉफ्ट ड्रिंक की खपत में 250 मिलीलीटर की वृद्धि हुई है और यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है।
बोतलबंद शीतल पेय (Bottled soft drinks) श्रेणी ने मार्च 2023 के लिए चलित वार्षिक कुल में 41% की महत्वपूर्ण घरेलू वृद्धि का अनुभव किया और एमएटी मार्च 2024 में 19% का विस्तार किया। रिपोर्ट में गर्म मौसम के कारण इस श्रेणी में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है। उपभोक्ता अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से साल में 156 बार, यानी लगभग हर 56 घंटे में फास्ट-मूविंग उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। इस आवृत्ति के बावजूद, औसत औसत बास्केट मूल्य में कमी आई है क्योंकि खरीदार पहले की तरह अधिक पैक नहीं खरीद रहे हैं।
इसके अलावा ‘फैब्रिक सॉफ्टनर‘(‘fabric softener’) अब देश के हर चार घरों में से एक तक पहुंच गया है। इसे अभी भी प्रीमियम धुलाई उत्पाद माना जाता है। इसके अलावा, प्रमुख एफएमसीजी (manufacturer of daily use items) कंपनियों के एक अन्य प्रीमियम धुलाई उत्पाद- वॉशिंग लिक्विड (washing liquid) ने वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख टन के आंकड़े को पार कर लिया। रिपोर्ट में कहा गया कि अब उपभोक्ता ऑनलाइन या ऑफलाइन चैनलों से साल में 156 बार या हर 56 घंटे में एक बार एफएमसीजी उत्पाद खरीदते हैं।