दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन (Red Fort Metro Station) धमाकों के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का मालिक और चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) की चर्चा है। बता दें कि जवाद मध्य प्रदेश के महू का रहने वाला है। वहीं, जवाद पर लोगों से ठगी करने का आरोप है। इसके बाद महू छोड़कर चला गया।
नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन (Red Fort Metro Station) धमाकों के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का मालिक और चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) की चर्चा है। बता दें कि जवाद मध्य प्रदेश के महू का रहने वाला है। वहीं, जवाद पर लोगों से ठगी करने का आरोप है। इसके बाद महू छोड़कर चला गया।
दिल्ली ब्लास्ट के तार अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) से जुड़ रहे हैं। साजिश में शामिल डॉक्टरों के लिंक अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) है। पुलिस ने इस यूनिवर्सिटी के कई लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि उनसे हमारा कोई लिंक नहीं है। टेरर लिंक की वजह से चर्चा में आए अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) के तार एमपी से भी जुड़ रहे हैं।
वहीं, अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) ने 24 साल पहले अपना घर छोड़ दिया था। जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) महू का रहने वाला है। महू इंदौर से सटा हुआ है। दिल्ली टेरर लिंक को लेकर पुलिस यहां उसके संपर्क में रहे स्थानीय लोगों पर भी नजर रख रही है। इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (Devi Ahilya University) से जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) ने बीटेक की पढ़ाई की है।
रुपए डबल करने का करता था काम
अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का चांसलर और मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) का पूरा परिवार पहले महू में ही रहता था। यहां पर यह एक इन्वेस्टमेंट कंपनी (Investment Company) चलाता था। इसमें निवेश करने वाले लोगों को रुपए डबल करने का झांसा देता था। मगर रुपए किसी के डबल नहीं लौटाए। लोगों का जब जवादअहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) पर दबाव बढ़ा तो वह रातों-रात महू से गायब हो गया है।
फरीदाबाद में जाकर बस गया
महू से गायब होने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) फरीदाबाद जाकर बस गया। महू से फरीदाबाद की दूरी 773 किमी है। उसकी इन्वेंस्टमेंट कंपनी खोली थी। उसका नाम भी अल -फलाह इन्वेस्टमेंट (Al-Falah Investments) था। इसमें लोगों ने काफी निवेश किया था। कथित तौर पर यह कहा जाता है कि इन्हीं पैसों से फरीदाबाद में जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) ने कॉलेज खोला है।
पहले इंजीनियरिंग कॉलेज खोला
जानकारी के मुताबिक जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) ने पहले फरीदाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज खोला था। इसके बाद यूनिवर्सिटी की स्थापना की। इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना इसने 1997 में ही की थी। मेडिकल की पढ़ाई के लिए इसकी यूनिवर्सिटी को 2019 में मान्यता मिली थी। एमबीबीएस के पहले बैच के लिए दाखिला 2019 में हुआ था। 2024 में इसके कॉलेज से पढ़कर डॉक्टरों का पहला बैच निकला था। अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में 650 बेड का अस्पताल भी है। इसके साथ ही इसके अन्य कॉलेज भी हैं।
भाई पर भी दर्ज हुआ था केस
वहीं, रुपए डबल करने के मामले में जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) के भाई पर भी केस दर्ज हुआ था। जवाद अहमद (Jawad Ahmed) की पूरी फैमिली महू स्थित कायस्थ कॉलोनी में रहती थी। जवाद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) के पिता शहरकाजी थे। दिल्ली धमाके की तार इससे जुड़ने के बाद पुलिस जवाद के पुराने संपर्कों से पूछताछ कर रही है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University), हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है, जो अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट (Al-Falah Charitable Trust) द्वारा संचालित है। यह ट्रस्ट 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित हुआ था और 2014 में हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटीज एक्ट (Haryana Private Universities Act) के तहत पूर्ण विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त किया। विश्वविद्यालय मुख्य रूप से अल्पसंख्यक और वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों, खासकर मेवात क्षेत्र, कश्मीर और बिहार से आने वाले छात्रों के लिए शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य रखता है। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट और अन्य अनुशासनों के कोर्स हैं और यह एक 650 बेड वाले अस्पताल से भी जुड़ा हुआ है जहां मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है।
जवाद अहमद सिद्दीकी की ये है क्राइम कुंडली
अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का मालिक और चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी (Owner and Chancellor, Jawad Ahmed Siddiqui) का अतीत विवादों से घिरा हुआ है। 2000 में मिल्ली गजट की एक रिपोर्ट के अनुसार, वे अपने भाई सऊद के साथ अल फलाह इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Al-Falah Investments Limited) में निवेशकों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे, जिसके लिए उन्होंने अरबों रुपये की धोखाधड़ी की थी। इस मामले में वे और उनके भाई तीन साल तक तिहाड़ जेल में रहे।
कंपनी का स्टेटस अब “स्ट्रक ऑफ” है, यानी यह बंद हो चुकी है। हाल ही में, 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए विस्फोट (जिसमें 12-13 लोगों की मौत हुई) की जांच में विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ डॉक्टरों का नाम सामने आया है, जिससे सिद्दकी और ट्रस्ट पर “व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल” (White-Collar Terror Module) के आरोप लगे हैं। विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि आरोपी डॉक्टरों से केवल पेशेवर संबंध था और वे इस घटना की निंदा करते हैं।