सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर हुए विवाद में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच विवाद के केंद्र में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर हुए विवाद में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच विवाद के केंद्र में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की। कहा कि उन्हें “वैध वोट के तौर पर फिर से गिना जाएगा और ‘उसी के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे। फिर से वोटों की गिनती में, जिसमें किन्ही कारणों से रिटर्निंग ऑफिसर मसीह (Returning Officer Anil Masih) द्वारा छोड़े गए आठ वोट भी शामिल हैं । इससे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद की दौड़ में स्पष्ट जीत मिलेगी।
इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को धन्यवाद।
Thank you SC for saving democracy in these difficult times! #ChandigarhMayorPolls
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 20, 2024
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की। महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले। आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) पर आठ मतों को ‘खराब’ करने का आरोप लगा था।
आप पार्षद कुलदीप कुमार (AAP councilor Kuldeep Kumar) ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव ( Mayor Election) की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आप नेता ने दावा किया है कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के आठ मतपत्रों को ‘खराब’ करके उन्हें अमान्य कर दिया गया था।