1. हिन्दी समाचार
  2. तकनीक
  3. पेगासस मामले में कोर्ट की ‘सुप्रीम’ टिप्पणी, कहा-देश की सुरक्षा-संप्रभुता से जुड़ी रिपोर्ट नहीं करेंगे सार्वजनिक

पेगासस मामले में कोर्ट की ‘सुप्रीम’ टिप्पणी, कहा-देश की सुरक्षा-संप्रभुता से जुड़ी रिपोर्ट नहीं करेंगे सार्वजनिक

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Espionage Case) में सुनवाई के दौरान कहा कि वे ऐसी किसी भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे, जो देश की सुरक्षा और सुप्रभुता (Country's Security and Sovereignty) से जुड़ी हो। हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि वे निजता के उल्लंघन की व्यक्तिगत आशंकाओं पर विचार कर सकता है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Espionage Case) में सुनवाई के दौरान कहा कि वे ऐसी किसी भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे, जो देश की सुरक्षा और सुप्रभुता (Country’s Security and Sovereignty) से जुड़ी हो। हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि वे निजता के उल्लंघन की व्यक्तिगत आशंकाओं पर विचार कर सकता है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह (Justice N Kotishwar Singh) की पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट (Technical Committee Report) पर सड़कों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।

पढ़ें :- चिराग पासवान की पार्टी के जिलाध्यक्ष ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर किया दुष्कर्म, पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट में किया गिरफ्तार

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

पीठ ने कहा कि ‘कोई भी रिपोर्ट, जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता (Country’s Security and Sovereignty)  से जुड़ी हो, उसे छुआ नहीं जाएगा, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर अगर कोई यह जानना चाहता है कि वह रिपोर्ट में शामिल है या नहीं, उसे इसकी जानकारी दी जा सकती है। लेकिन रिपोर्ट को ऐसा दस्तावेज नहीं बनाया जाएगा कि सड़कों पर भी इसकी चर्चा हो।’ अदालत ने कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि किस हद तक तकनीकी समिति की रिपोर्ट (Technical Committee Report) को संबंधित व्यक्ति के साथ साझा किया जा सकता है। इसके बाद पीठ ने मामले पर सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए टाल दी।

क्या है मामला?

पेगासस एक इस्राइली सॉफ्टवेयर (Pegasus is an Israeli software) है, जिसे मोबाइल फोन को हैक कर निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2021 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत में कई पत्रकारों, नेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए थे। साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने पेगासस मामले की जांच के लिए एक तकनीकी समिति और एक निगरानी समिति बनाई थी। तकनीकी समिति में साइबर सुरक्षा (Cyber ​​Security), डिजिटल फॉरेंसिक (Digital Forensics) और नेटवर्क विशेषज्ञ (Network Expert) – नवीन कुमार चौधरी, प्रभाहरण पी और अश्विन अनिल गुमास्ते शामिल हैं। वहीं इस जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन कर रहे हैं, जिनकी सहायता पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी (Former IPS officer Alok Joshi)और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ संदीप ओबेरॉय (Cyber ​​security expert Sandeep Oberoi) कर रहे हैं।

पढ़ें :- CJI सूर्यकांत का दो टूक आदेश, बोले-मंदिर का पैसा भगवान का है, घाटे में डूबे बैंकों के लिए नहीं हो सकता इस्तेमाल

, ,

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...