हिंदू पंचांग के मुताबिक दर्श अमावस्या के दिन पूर्वजों की पूजा का विधान और चंद्रमा के दर्शन विशेष फल माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह अमावस्या पितरों को समर्पित मानी जाती है।
Darsh Amavasya 2024 Upay : हिंदू पंचांग के मुताबिक दर्श अमावस्या के दिन पूर्वजों की पूजा का विधान और चंद्रमा के दर्शन विशेष फल माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह अमावस्या पितरों को समर्पित मानी जाती है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन विशेष प्रकार की पूजा की जाती है और तर्पण के बाद जरूरतमंदों के बीच दान दिया जाता है। ऐसी मान्यता प्रचलित है कि इस दिन पितृ लोक से पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को सुख समृद्धि आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आईए जानते हैं कुछ उपाय जिससे पितरों को शांति मिलती है।
दर्श अमावस्या की पूजन विधि
पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। दर्श अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए दीपक का भी दान किया जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाते हैं। इसके अलावा काले तिल दान करने से भी पितरों को शांति मिलती है।
दर्श अमावस्या की सुबह स्नान कर पवित्र वस्त्र पहनें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें।
दर्श अमावस्या के दिन शिवजी, विष्णुजी या कुलदेवता की पूजा करें। दान-पुण्य करें।
दर्श अमावस्या के दिन गुड़, घी, तिल, गर्म कपड़े या गर्म चीजें दान करना शुभ माना जाता है।