गुड़गांव प्रशासन (Gurgaon Administration) ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों (Drunk Driving) पर अब और सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। पहले ऐसे मामलों में सिर्फ चालान काटा जाता था, लेकिन अब अधिकारियों की योजना है कि पहली बार पकड़े जाने पर 3 से 6 महीने तक लाइसेंस सस्पेंड (License Suspension) किया जाएगा।
गुड़गांव। गुड़गांव प्रशासन (Gurgaon Administration) ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों (Drunk Driving) पर अब और सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। पहले ऐसे मामलों में सिर्फ चालान काटा जाता था, लेकिन अब अधिकारियों की योजना है कि पहली बार पकड़े जाने पर 3 से 6 महीने तक लाइसेंस सस्पेंड (License Suspension) किया जाएगा। बार-बार गलती करने पर लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द भी किया जा सकता है। यह प्रावधान मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988) के तहत है।
हादसों और मौतों को कम करने की कोशिश
यह कदम शहर में सड़क हादसे और मौतों को कम करने के लिए उठाया जा रहा है। 2025 की पहली छमाही में गुड़गांव (Gurgaon) में 541 सड़क हादसे हुए, जिनमें 223 लोगों की जान गई। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार सितंबर तक शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के 5,000 से ज्यादा चालान काटे गए। तुलना करें तो 2024 में यह आंकड़ा 25,968 और 2023 में 5,181 था।
पुलिस का कहना है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने (Drunk Driving) के अधिकतर मामले पार्टी जोन जैसे सेक्टर 29, साइबर पार्क, एमजी रोड, गोल्फ कोर्स रोड और 32 एवेन्यू के आसपास सामने आए। यहां अक्सर तैनाती की जाती है। मॉल माइल, एंबिएंस मॉल, गैलेरिया मार्केट और सेक्टर 29 हुडा मार्केट में भी पुलिस की खास नजर रहती है। अधिकारियों का मानना है कि कड़े जुर्माने और लाइसेंस सस्पेंशन से लोग सतर्क होंगे।
हाल ही में हुई रोड सेफ्टी मीटिंग में डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार (Deputy Commissioner Ajay Kumar at a Road Safety Meeting) ने कहा कि लाइसेंस सस्पेंशन (License Suspension) के नियम पहले से मौजूद हैं, अब इन्हें सख्ती से लागू करना जरूरी है ताकि ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों पर रोक लगाई जा सके। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के अनुसार पहली बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना, छह महीने की जेल या दोनों हो सकते हैं। वहीं, तीन साल में दोबारा गलती करने पर 15,000 रुपये का जुर्माना, दो साल तक की जेल और लाइसेंस रद्द करने की सजा हो सकती है।
प्रशासन अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पर भी सख्ती करेगा। डिप्टी कमिश्नर ने सभी एसडीएम को आदेश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पर नजर रखें और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करें। सड़क सुरक्षा के लिए अधिकारियों को दुर्घटना संभावित इलाकों की पहचान कर सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें पेड़ों की कटाई, टी-जंक्शन और यू-टर्न की मरम्मत और सर्दियों से पहले रिफ्लेक्टर लगाने जैसे कदम शामिल हैं।
इसके अलावा, लोगों को यातायात नियमों की जानकारी और उनका पालन कराने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। पुलिस को तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग पर रोक लगाने के लिए भी खास एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है।