PM Modi's speech at Global Fintech Fest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 30 अगस्त को मुंबई के ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में फिनटेक की मदद से हुए बदलावों और इसके महत्त्व को बताया। उन्होंने कहा कि फिनटेक की वजह से भारत में बदलाव सिर्फ टेक्नोलॉजी तक नहीं रहा, बल्कि इससे गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने में मदद मिली है।
PM Modi’s speech at Global Fintech Fest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 30 अगस्त को मुंबई के ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में फिनटेक की मदद से हुए बदलावों और इसके महत्त्व को बताया। उन्होंने कहा कि फिनटेक की वजह से भारत में बदलाव सिर्फ टेक्नोलॉजी तक नहीं रहा, बल्कि इससे गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कहा, “…भारत में त्योहारों का मौसम है, अर्थव्यवस्था और बाजारों में भी उत्सव का माहौल है।” उन्होंने कहा, “एक समय था जब लोग हमारी सांस्कृतिक विविधता से आश्चर्यचकित होते थे। अब, लोग भारत आते हैं, और हमारी फिनटेक विविधता से भी आश्चर्यचकित होते हैं! यहां पहुंचने से हवाईअड्डे से लेकर स्ट्रीट फूड और शॉपिंग का अनुभव तक, भारत की फिनटेक क्रांति हर जगह दिखाई देती है।”
प्रधानमंत्री आगे कहा, ”संसद में लोग पूछते थे कि देश में पर्याप्त शाखाएं नहीं हैं, गांवों में बैंक उपलब्ध नहीं हैं, इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं…फिनटेक क्रांति कैसे होगी?” एक दशक के भीतर ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता 60 मिलियन से बढ़कर 940 मिलियन हो गए।” उन्होंने कहा, “जन धन खातों ने महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग से जोड़ दिया है। 10 करोड़ ग्रामीण महिलाएं इसका लाभ उठा रही हैं। जन धन कार्यक्रम ने महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए एक मजबूत नींव रखी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”आपने ये भी देखा है कि कैसे हम डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत में पारदर्शिता लाये हैं। आज सैकड़ों सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाता है। इससे सिस्टम से रिसाव समाप्त हो गया है। आज लोग औपचारिक व्यवस्था से जुड़ने में लाभ देखते हैं। फिनटेक की वजह से भारत में जो बदलाव आया है, वह सिर्फ टेक्नोलॉजी तक ही सीमित नहीं है। इसका सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापक है. इससे गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने में मदद मिली है।”