कर्नाटक के श्रीरंगपटना, मांड्या के पास कावेरी नदी (Kaveri River) में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्व महानिदेशक और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुब्बन्ना अय्यप्पन (Padma Shri Subbanna Ayyappan) का शव मिला है। पुलिस ने बताया कि लोगों ने शनिवार को उनका शव नदी में तैरता हुआ देखा और उसे बाहर निकाल लिया।
नई दिल्ली। कर्नाटक के श्रीरंगपटना, मांड्या के पास कावेरी नदी (Kaveri River) में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्व महानिदेशक और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुब्बन्ना अय्यप्पन (Padma Shri Subbanna Ayyappan) का शव मिला है। पुलिस ने बताया कि लोगों ने शनिवार को उनका शव नदी में तैरता हुआ देखा और उसे बाहर निकाल लिया। 70 वर्षीय सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) एक कृषि और मत्स्य पालन (Aquaculture) वैज्ञानिक थे।
सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) ICAR का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-फसल वैज्ञानिक थे। पुलिस के मुताबिक उनका स्कूटर भी नदी के किनारे मिला है। पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और उनकी मौत की क्या वजह थी। इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) मैसूर के विश्वेश्वर नगर औद्योगिक क्षेत्र के रहने वाले थे।
‘नीली क्रांति’ में निभा चुके अहम भूमिका
सुब्बन्ना अय्यप्पन के परिवार वालों ने मैसूर के विद्यारण्यपुरम पुलिस स्टेशन में उनको लेकर शिकायत दर्ज कराई थी कि वह 7 मई से लापता हैं। पुलिस ने बताया कि वह श्रीरंगपटना में कावेरी नदी (Kaveri River) के तट पर स्थित साईं बाबा आश्रम में अक्सर ध्यान किया करते थे। भारत की ‘नीली क्रांति’ (Blue Revolution) में अहम भूमिका निभाने वाले सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। जिनका उनकी मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल है।
आत्महत्या की आशंका जताई जा रही
जहां पर सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) का शव मिला। वह मैसूर से करीबन 200 मीटर दूर है। अब पुलिस उनकी मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच में जुटी है। पुलिस श्रीरंगपटना में भी उनकी लोकेशन ट्रैक करके ही पहुंची थी। सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) के शव को अब पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती तौर पर कहा जा रहा है कि सुब्बन्ना अय्यप्पन (Subbanna Ayyappan) ने नदी में छलांग लगाई होगी और आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है।
2022 में पद्मश्री से हुए थे सम्मानित
अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद मौत के असल कारण का पता चल सकेगा। उन्होंने ICAR में 2016 तक काम किया था। इस दौरान साल 2013 में उन्हें राज्योत्सव अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। इसके बाद तीन साल पहले साल 2022 में उन्हें पद्मश्री से भी भारत सरकार ने सम्मानित किया था।