गीता जयंती श्रीमद् भगवद गीता उपदेश की तिथि से संबंधित है। गीता जयंती के तिथि पर पत्येक वर्ष गीता महोत्सव मनाए जाने की परंपरा है।
Gita Jayanti 2024 date : गीता जयंती श्रीमद भगवत गीता उपदेश की तिथि से संबंधित है। गीता जयंती के तिथि पर पत्येक वर्ष गीता महोत्सव मनाए जाने की परंपरा है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस साल गीता जयंती 11 दिसंबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
गीता जयंती पूजा
गीता जयंती की पूजा के दौरान पूजा स्थल पर भगवद् गीता के साथ ही दीपक, फूल, चंदन, अक्षत, तुलसी के पत्ते, मिठाई आदि आपको रखनी चाहिए। इसके बाद धूप दीप जलाकर भगवान कृष्ण और विष्णु जी की आपको पूजा करनी चाहिए। इसके बाद गीता के किसी भी एक अध्याय का पाठ आपको पूजा के दौरान अवश्य करना चाहिए।
18 वें अध्याय का पाठ
विद्वानों के अनुसार, गीता जयंती के दिन गीता के 18 वें अध्याय का पाठ करना बेहद शुभ होता है।
मंत्र का जप
गीता का पाठ करने के बाद आपको “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करते हुए आपको पूजा समाप्त करनी चाहिए।
प्रसाद का वितरण
पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण भी अवश्य करें। इस दिन दान-पुण्य करने से भी आपको लाभ होता है।