आज कल ऑफिस वर्क के कारण किसि के पास धूप में रहने का टाइम नहीं है। ऐसे में जिसके चलते बहुत से लोगों में विटामिन-D की कमी (Vitamin-D Deficiency) होने लगी है। विटामिन-D हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है।वहीं जिन लोगों के शरीर में विटामिन-D की कमी है वो इसे करने के लिए सप्लीमेंट्स भी ले रहे हैं, तो आपको कुछ खास तरह के फूड्स (What Not To Eat With Low Vitamin-D) से बचना चाहिए, क्योंकि ये चीजें विटामिन-D के अब्जॉर्प्शन को रोकती हैं, जिससे सप्लीमेंट्स भी ठीक से काम नहीं कर पाते हैं।
आज कल ऑफिस वर्क के कारण किसि के पास धूप में रहने का टाइम नहीं है। ऐसे में जिसके चलते बहुत से लोगों में विटामिन-D की कमी (Vitamin-D Deficiency) होने लगी है। विटामिन-D हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है।वहीं जिन लोगों के शरीर में विटामिन-D की कमी है वो इसे करने के लिए सप्लीमेंट्स भी ले रहे हैं, तो आपको कुछ खास तरह के फूड्स (What Not To Eat With Low Vitamin-D) से बचना चाहिए, क्योंकि ये चीजें विटामिन-D के अब्जॉर्प्शन को रोकती हैं, जिससे सप्लीमेंट्स भी ठीक से काम नहीं कर पाते हैं।
प्रोसेस्ड फूड्स
आजकल बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड्स में शुगर, नमक और ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। ये न सिर्फ शरीर को फैटी बनाते हैं बल्कि इनमें मौजूद फॉस्फेट विटामिन-D के काम में भी रुकावट डालता है। ये फॉस्फेट शरीर में कैल्शियम के संतुलन को बिगाड़ देता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
फैट-फ्री या लो-फैट डाइट
क्या आप जानते हैं कि विटामिन-D एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है? इसका मतलब है कि यह शरीर में फैट की मौजूदगी में ही ठीक से अवशोषित हो पाता है। अगर आप पूरी तरह से फैट-फ्री या लो-फैट डाइट ले रहे हैं, तो आपके शरीर को विटामिन-D को अवशोषित करने में मुश्किल होगी। इसलिए, अपनी डाइट में अंडे की जर्दी, एवोकाडो या मछली जैसे हेल्दी फैट जरूर शामिल करें।
हाई ऑक्सालेट फूड्स
कुछ में ऑक्सालेट नामक तत्व पाया जाता है, जैसे कि पालक, चुकंदर, और नट्स। ऑक्सालेट शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर क्रिस्टल बना सकता है, जिससे विटामिन-D का अवशोषण प्रभावित होता है। अगर आपको विटामिन-D की कमी है, तो इन चीजों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
शराब
शराब लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाता है, जो विटामिन-D को उसके सक्रिय रूप में बदलने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो विटामिन-D का अवशोषण और उसका इस्तेमाल करने की क्षमता कम हो जाती है। लंबे समय तक शराब पीने से विटामिन-D की कमी और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
कैफीन
कॉफी और चाय में पाया जाने वाला कैफीन, विटामिन-D और कैल्शियम दोनों के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है। अगर आप दिन में कई कप कॉफी पीते हैं, तो शरीर से कैल्शियम बाहर निकल सकता है। इससे विटामिन-D सप्लीमेंट्स का फायदा कम हो सकता है। कोशिश करें कि विटामिन-D सप्लीमेंट लेने के तुरंत बाद कैफीन रिच ड्रिंक्स न पिएं।