आजकल बिजी लाइफ के चलते अधिकतर लोग कामकाज के दौरान पेशाब लगने पर रोक कर रखते है। ऐसा एक दो बार तो करना तो मजबूरी हो सकती है लेकिन कई लोग अधिकतर बिना कारणवश या आलस में इसे रोक कर रखते हैं।
आजकल बिजी लाइफ के चलते अधिकतर लोग कामकाज के दौरान पेशाब लगने पर रोक कर रखते है। ऐसा एक दो बार तो करना तो मजबूरी हो सकती है लेकिन कई लोग अधिकतर बिना कारणवश या आलस में इसे रोक कर रखते हैं।
लगातार ऐसा करना आपकी सेहत को बीमार कर सकता है। खासतौर से किडनी पर इसका बुरा असर पड़ता है।
पेशाब को लंबे समय तक रोकने से ब्लेडर पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है। इससे मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे फ्यूचर में पेशाब लीकेज या यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की दिक्कत हो सकती है।
पेशाब में बैक्टीरिया होते है जिन्हे हमारे शरीर से बाहर निकलना बेहद जरुरी होता है। अगर पेशाब को देर ततक रोका जाता है तो यह बैक्टीरिया ब्लैडर और पेशाब के रास्ते में बढ़ने लगते है। जिससे यूरिनरी ट्रक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ये संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है, जिसे पाइलोनेफ्राइटिस कहते है।
अगर पेशाब रोककर रखने की आपकी आदत बन गई है तो पेशाब में मौजूद मिनरल्स और सॉल्ट जमा होने लगते है, जो किडनी स्टोन का कारण बन सकतेहै। किडनी स्टोन न सिर्फ दर्दनाक होता है बल्कि किडनी के फंक्शन को भी अफेक्ट कर सकता है।
बार-बार पेशाब रोकने से मूत्राशय से किडनी की ओर पेशाब का बैकफ्लो हो सकता है, जिसे वेसिकोयूरेटरल रिफ्लक्स या वीयूआर कहते हैं। ये किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और लॉन्ग टर्म में किडनी फेल्योर का खतरा बढ़ा सकता है।
इन समस्याओं से बचने के लिए सबसे पहले तो जब पेशाब महसूस हो तुरंत जाएं। पर्य़ाप्त पानी पीएं। दिन में आठ से दस गिलास पानी जरुर पीएं। ऐसा करने से ब्लैडर और किडनी सेहतमंद रहते हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचने के लिए पाइवेट पार्ट्स की सफाई और क्लीन बाथरूम का यूज करें।