1. हिन्दी समाचार
  2. तकनीक
  3. गूगल AI ओवरव्यू से घट रहा है न्यूज वेबसाइटों का ट्रैफिक? Techjockey के SEO Expert Ratnakar Patrayudu ने दी अहम सलाह

गूगल AI ओवरव्यू से घट रहा है न्यूज वेबसाइटों का ट्रैफिक? Techjockey के SEO Expert Ratnakar Patrayudu ने दी अहम सलाह

पत्रयुडु का मानना है कि केवल सामान्य खबरें या सतही लेख अब पर्याप्त नहीं होंगे। मीडिया हाउस को गहराई वाली रिपोर्टिंग, एक्सक्लूसिव स्टोरीज़, इंटरव्यू और डेटा आधारित विश्लेषण जैसी चीजों पर जोर देना होगा। यही कंटेंट उन्हें बाकी से अलग बनाएगा और पाठकों को आकर्षित करेगा।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। डिजिटल मीडिया की दुनिया इस समय बड़े बदलाव से गुजर रही है। गूगल के नए AI Overviews फीचर ने सर्च रिजल्ट्स का चेहरा बदल दिया है। अब उपयोगकर्ताओं को उनके सवालों के सीधे जवाब सर्च पेज पर ही मिल जाते हैं। इसका असर यह हुआ है कि पाठकों की बड़ी संख्या वेबसाइट तक पहुंच ही नहीं रही। नतीजा यह कि कई न्यूज पोर्टल्स और डिजिटल पब्लिशर्स का ट्रैफिक अचानक 70 से 80 फीसदी तक घट गया है।

पढ़ें :- कौन से ऐप्स करते हैं बैटरी की ज्यादा खपत? Google Play अपने यूजर्स को देगा जानकारी

पब्लिशर्स के लिए यह स्थिति किसी हड़कंप से कम नहीं है। खासकर छोटे और क्षेत्रीय पोर्टल्स के लिए यह खतरे की घंटी है। उनका अस्तित्व पूरी तरह सर्च-ड्रिवन ट्रैफिक और विज्ञापन आय पर टिका हुआ है। जब गूगल अपने AI से जवाब दिखाने लगेगा, तो पाठकों की नजर में वेबसाइट खोलने की जरूरत ही कम हो जाएगी। यह हालात ऑनलाइन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के बिजनेस मॉडल को सीधी चुनौती दे रहे हैं।

इस विषय पर Techjockey के SEO और Organic Growth प्रमुख Ratnakar Patrayudu ने कहा कि बदलाव को खतरे के रूप में नहीं, बल्कि एक नई चुनौती के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने बताया, “AI Overviews SERPs को बदल रहे हैं-लेकिन ये गुणवत्ता और विश्वसनीयता की मांग को बढ़ा रहे हैं। ब्रांडों को E-E-A-T यानी अनुभव, विशेषज्ञता, अधिकार और विश्वसनीयता पर ज्यादा ध्यान देना होगा। अब ऐसी सामग्री देनी होगी जो AI मॉडल आसानी से न दोहरा सकें।”

पत्रयुडु का मानना है कि केवल सामान्य खबरें या सतही लेख अब पर्याप्त नहीं होंगे। मीडिया हाउस को गहराई वाली रिपोर्टिंग, एक्सक्लूसिव स्टोरीज़, इंटरव्यू और डेटा आधारित विश्लेषण जैसी चीजों पर जोर देना होगा। यही कंटेंट उन्हें बाकी से अलग बनाएगा और पाठकों को आकर्षित करेगा।

तकनीकी स्तर पर भी पब्लिशर्स को ज्यादा सतर्क रहना होगा। तेज़ लोडिंग स्पीड, मोबाइल-फ्रेंडली डिज़ाइन, स्ट्रक्चर्ड डेटा और क्लियर मेटाडेटा अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गए हैं। जिन वेबसाइटों का स्ट्रक्चर साफ और कंटेंट सर्च इंजन के लिए पढ़ने योग्य होगा, उन्हें ही AI Overviews में जगह मिलने की संभावना ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सिर्फ गूगल पर निर्भर रहने की बजाय अपनी ब्रांड वैल्यू और पाठक-निष्ठा बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। न्यूजलेटर्स, पॉडकास्ट्स, सोशल मीडिया कम्युनिटी और ऐप्स जैसे चैनल पाठकों तक सीधे पहुंचने के अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं।

पढ़ें :- Vivo Y500 Pro आज हो रहा है लॉन्च; डिवाइस के बारे में जानें सबकुछ

भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल पाठक वर्ग को देखते हुए पब्लिशर्स के पास अभी भी अवसर मौजूद हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें पारंपरिक SEO सोच से बाहर निकलना होगा। कंटेंट की मौलिकता, ब्रांड पर विश्वास और पाठकों के साथ सीधा जुड़ाव ही आगे का रास्ता है।
पत्रयुडु ने साफ शब्दों में कहा कि अब SEO केवल क्लिक्स की दौड़ नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, “2025 में SEO का असली मकसद ट्रैफिक बढ़ाना नहीं, बल्कि पाठकों का भरोसा जीतना है। जो पब्लिशर्स मौलिक कंटेंट और विश्वसनीयता पर निवेश करेंगे, वही टिक पाएंगे।”
स्पष्ट है कि आने वाले समय में डिजिटल मीडिया का खेल सिर्फ कीवर्ड्स और बैकलिंक्स तक सीमित नहीं रहेगा। जो मीडिया संस्थान पाठकों को नई दृष्टि, भरोसा और असली जानकारी देंगे, वही गूगल के AI युग में भी प्रासंगिक बने रहेंगे।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...