जापान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने देश के ऊपरी सदन में अपना बहुमत खो दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा है कि उनका पद छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
रविवार को मतदाताओं ने कड़े मुकाबले वाले चुनाव के लिए मतदान किया। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) और उसके कनिष्ठ सहयोगी कोमिटो के गठबंधन में बढ़ती कीमतों और अमेरिकी टैरिफ (US tariffs) के खतरे को लेकर निराशा व्याप्त है। । इशिबा की ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (LDP) और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो को बहुमत बनाए रखने के लिए उसके पास पहले से मौजूद 75 सीट के अलावा 50 सीट और जीतनी थीं लेकिन गठबंधन 47 सीट ही जीत सका। एक सीट पर अभी फैसला नहीं हुआ है। गठबंधन को इससे पहले हुए निचले सदन के चुनाव में भी हार मिली थी।
नए घटनाक्रम से जापान में राजनीतिक अस्थिरता (political instability) और बढ़ गई है। पार्टी की 1955 में स्थापना के बाद से यह पहली बार है जब एलडीपी (LDP) ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत खो दिया है। इस हार के बावजूद इशिबा ने आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पद पर बने रहने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। वैसे यहां यह भी बता दें कि ऊपरी सदन में बहुमत खोने के बावजूद इशिबा सरकार (Ishiba Government) में तुरंत बदलाव नहीं होगा क्योंकि उच्च सदन के पास किसी नेता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ( No confidence motion ) लाने का अधिकार नहीं है।
इशिबा ने कहा, ‘‘मैं शीर्ष पार्टी के प्रमुख के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा और देश के लिए काम करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कठिन स्थिति है। मैं इसे विनम्रता और ईमानदारी से स्वीकार करता हूं।’’ इशिबा ने कहा कि उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन का कारण यह भी हो सकता है कि उनकी सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए जो कदम उठाए हैं उनका फायदा लोगों को अभी तक नहीं मिल पाया है।