सनातन हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने विशिष्ट परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन माह में जब सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, तब कुंभ संक्रांति मनाई जाती है।
Kumbh Sankranti 2025 Date : सनातन हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने विशिष्ट परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन माह में जब सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, तब कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष सूर्य 12 फरवरी 2025, बुधवार को रात 10 बजकर 03 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। उदया तिथि के मुताबिक, कुंभ संक्रांति कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को 13 फरवरी, गुरुवार को मनाई जाएगी। सूर्य देव 14 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करेंगे। इससे पूर्व सूर्य देव 19 फरवरी 2025 को शतभिषा और 04 मार्च 2025 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने वाले हैं।
मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान, पूजा, जप, तप और दान करने से व्यक्ति को देवी-देवताओं के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रांति का महत्व
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का अत्यधिक महत्व है। इस दिन स्नान, ध्यान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ संक्रांति के अवसर पर तिल का दान, सूर्य देव की पूजा और ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा सदियों से प्रचलित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये दिन मकर राशि और सिंह राशि के लिए विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं।