हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, दिन गंगा का जल अमृतमय होने से गंगा स्नान-दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Mauni Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, दिन गंगा का जल अमृतमय होने से गंगा स्नान-दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का भी विधान है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु और महादेव की पूजा की जाती है। मानयता है कि इस दिन किया गया जप,तप,ध्यान,स्नान,दान और हवन कई गुना फल देता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसे मौनी अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग मौन व्रत करके भगवान शिव की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं इस दिन मौन व्रत करने के साथ-साथ स्नान-ध्यान और दान किए जाने की परंपरा भी है। मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के साथ-साथ शिवजी के 108 नामों का जाप भी करना चाहिए। इस साल मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी के दिन मनाई जा रही है।
भगवान शिव के मंत्र
भगवान शिव का गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र जाप भगवान शिव का ध्यान करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र जाप द्वारा हम उनसे बुद्धि और मन को प्रकाशित करने का वर मांगते हैं। यह मंत्र बौद्धिक क्षमता को बढ़ाकर मानसिक रूप से सशक्त करता है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव का यह मंत्र सबसे चमत्कारी और माया मोह के बंधनों से मुक्त कराने वाला माना गया है। इससे आपको मृत्यु का भय नहीं सताता और सत्य का ज्ञान होता है। इस मंत्र का जाप करने से आपके कई विकार दूर हो सकते हैं।