भक्ति और शक्ति के पर्व नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का चंद्रघंटा रूप शांति और कल्याण का प्रतीक है।
Navratri 2024 3rd Day : भक्ति और शक्ति के पर्व नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का चंद्रघंटा रूप शांति और कल्याण का प्रतीक है। इसी प्रकार, ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं के मुख से उत्पन्न ऊर्जा से एक देवी का अविर्भाव हुआ। नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करने की विधि, मंत्र और माता को भोग अर्पित करने के लिए किस सामग्री का उपयोग करना चाहिए, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए माता के समक्ष माला, कुमकुम, सिंदूर, अक्षत, रोली, फूल, फल और धूप रखे जाते हैं। मां की आरती की जाती है और मां के मंत्रों का उच्चारण करने के साथ ही भोग लगाकर पूजा संपन्न होती है। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग लाल है। इस चलते मां की पूजा करते हुए लाल रंग के वस्त्र पहने जा सकते हैं।
दूध की खीर और दूध से बनी मिठाई मां की मनपसंद होती है। इन चीजों का भोग लगाकर मां की पूजा संपन्न की जा सकती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा के मंत्र
– ऐं श्रीं शक्तयै नम:
– या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
– पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥