हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस अवधि में पूर्वजों को याद कर के श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि इस समय पितृ लोक के दरवाजे खुल जाते हैं।
Pitru Paksha 2024 : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस अवधि में पूर्वजों को याद कर के श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि इस समय पितृ लोक के दरवाजे खुल जाते हैं। पितरों को तृप्त करने के लिए श्राद्ध, पिंडदान (Pind Daan) और तर्पण किए जाते हैं। वहीं इस साल के पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो चुकी है। पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-शांति रहती है। अगर आप भी पितरों का पिंडदान कर रहे हैं और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनका तर्पण करते समय कुछ मंत्रों का जाप करें।
श्राद्ध करने के पवित्र स्थल
श्राद्ध करने के लिए गया, पुष्कर, प्रयागराज हरिद्वार जैसे चार प्रमुख धार्मिक स्थलों को सबसे पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही गौशाला, देवालय, और नदी के तट पर किया गया श्राद्ध भी अत्यंत शुभ और लाभकारी होता है।
पितृपक्ष में दान
पितृ पक्ष में (Pitru Paksha 2024) पितरों की आत्मा की शांति के लिए सफेद रंग की चीजों जैसे – सफेद मिठाई, दही, चीनी , नए कपडे,जूते चप्पल , छाते आदि का दान करना भी अति उत्तम माना गया है।
1. ॐ पितृ देवतायै नम:
2. नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
3. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
4. ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तुतु जलान्जलिम
5. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात