1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Pitru Paksha 2024: मृत्यु के बाद क्या ले जाता है इंसान?, ये 3 चीजें जाती है साथ

Pitru Paksha 2024: मृत्यु के बाद क्या ले जाता है इंसान?, ये 3 चीजें जाती है साथ

पितृपक्ष का समय, जो विशेष रूप से हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है, आत्मा की शांति और पितरों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है। इस अवधि में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

By आराधना शर्मा 
Updated Date

मृत्यु के बाद क्या ले जाता है इंसान?

अक्सर यह कहा जाता है कि मृत्यु के बाद इंसान खाली हाथ जाता है। हालांकि, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मृतक अपने साथ तीन महत्वपूर्ण चीजें ले जाता है:

पढ़ें :- 19 नवंबर 2025 का राशिफलः इन राशि के लोगों का आज का दिन है शुभ, करियर में नए अवसर मिलेंगे

कर्ज

गरुण पुराण में बताया गया है कि इंसान द्वारा लिया गया कोई भी कर्ज जन्म-जन्मांतर तक पीछा नहीं छोड़ता। यह जरूरी है कि मृत्यु से पहले कर्ज चुका दिया जाए, क्योंकि जब कोई कर्ज लेकर मरता है, तो यमराज कर्जदाता से हिसाब चुकता करवाते हैं। इसका मतलब है कि अगले जन्म में आपको या तो उस कर्ज का भुगतान करना पड़ेगा या उसकी चुकौती करनी होगी। इसलिए जीवन में वित्तीय जिम्मेदारियों का ध्यान रखना जरूरी है।

कर्म

गीता में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मनुष्य कर्म के बिना एक पल भी नहीं रह सकता। जब मृत्यु का समय आता है, आत्मा अपने द्वारा किए गए सभी कर्मों की स्मृति को संजोती है। ये कर्म ही निर्धारित करते हैं कि परलोक में आत्मा सुख भोगेगी या दुख। यदि व्यक्ति ने अपने जीवन में सकारात्मक और नैतिक कर्म किए हैं, तो उसे स्वर्ग में सुख का अनुभव होगा। वहीं, नकारात्मक कर्मों का परिणाम अगले जन्म में बुरा फल देता है।

पुण्य

पढ़ें :- 18 नवंबर 2025 का राशिफलः मंगलवार के दिन इन राशियों पर बरसेगी कृपा, धन वृद्धि के बन रहे हैं योग

दान, दया और परोपकार के कार्यों का पुण्य भी कई जन्मों तक हमारे साथ रहता है। ये सुकर्म यह तय करते हैं कि हम स्वर्ग में सुख भोगेंगे या नर्क में दुख। जब कोई व्यक्ति बिना किसी अच्छे कार्य के जीवन में सुख-संपन्नता प्राप्त करता है, तो इसे उसके पिछले जन्म के अच्छे कर्म का फल माना जाता है।

पुण्य के ये कार्य न केवल हमारे जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि हमें मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करते हैं। पितृपक्ष का यह समय हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन में किए गए कर्म, कर्ज और पुण्य का हमारे भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

हमें अपने पितरों का सम्मान करना चाहिए और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए, ताकि हम अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित कर सकें। इस दौरान श्राद्ध और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करके हम न केवल अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी एक नई दिशा देते हैं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...