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पीएम मोदी, बोले- संविधान की बात करने वालों को ज्यादा ज्ञान नहीं, नेहरू के वक्त विदेश नीति के नाम पर हुआ खेल

संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से साढ़े तीन लाख करोड़ किसान के खाते में पहुंचे हैं, बीते दशक में तीन गुना अधिक खरीदी की है, किसान को ऋण में भी तीन गुना वृद्धि की गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से साढ़े तीन लाख करोड़ किसान के खाते में पहुंचे हैं, बीते दशक में तीन गुना अधिक खरीदी की है, किसान को ऋण में भी तीन गुना वृद्धि की गई है। आपदा में किसान को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता था, किसानों को पौने दो लाख करोड़ रुपये मिले हैं, सिंचाई के लिए कदम उठाए गए हैं, संविधान की बात करने वालों को ज्यादा ज्ञान नहीं है। पानी को लेकर बाबा साहब का विजन इतना क्लियर था कि आज भी हम लोगों को प्रेरणा देता है, सौ से अधिक दशकों से लटकी सिंचाई परियोजनाएं पूरा करने का अभियान चलाया। नदियों को जोड़ने की वकालत अंबेडकर ने की, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। आज हमने केन-बेतवा लिंक समेत कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया। गुजरात में ऐसा मेरा सफल अनुभव रहा है।

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पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि  संविधान की भावना है कि सबको बेहतर स्वास्थ्य मिले, आज कैंसर डे भी है, कुछ लोग हैं जो गरीब को, बुजुर्ग को आरोग्य की सेवा मिलने में अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण अड़ंगे डाल रहे हैं। आज आयुष्मान से जहां 30 हजार से अधिक अच्छे हॉस्पिटल जुड़े हैं। पीएम मोदी ने कहा कि  राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान यहां विदेश नीति की चर्चा हुई और कुछ लोगों को लगता है फॉरेन पॉलिसी न बोले तो लगता ही नहीं विदेश नीति पर चर्चा हो रही है। मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि वे एक किताब पढ़ें-  JFK’s Forgotten Crisis। ये किताब एक प्रसिद्ध विदेश नीतिज्ञ ने लिखी है। इसमें महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र है। इस किताब में भारत के पहले प्रधानमंत्री और वे विदेश नीति को भी नेतृत्व करते थे। इस किताब में पंडित नेहरू और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निणर्यों को विस्तार से वर्णन है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हुआ था। उस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

‘हमने तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण का रास्ता चुना’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा- पिछले 10 साल में हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन एक नई आईटीआई बनी। हर 2 दिन में एक नया कॉलेज खुला है। एससी-एसटी-ओबीसी युवाओं के लिए कितनी वृद्धि हुई है। हम हर योजना के पीछे लगे, 100 फीसदी लागू कर रहे हैं। एक रुपया और 15 पैसे वाला खेल नहीं चल सकता। कुछ लोगों ने तुष्टीकरण किया। कुछ ही लोगों को दो दूसरे को तरसाओ। हमने रास्ता चुना है तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण और उस पर हम चलें हैं। हर समाज और हर वर्ग के लोगों को बिना भेदभाव उनके हक का देने का काम किया। हर समाज, हर वर्ग के लोगों को जो उसके हक का है, उसको मिलना चाहिए, जब सौ प्रतिशत परिपूर्णता की बात करता हूं तो ये असल में सामाजिक न्याय और संविधान का सम्मान है।

 ‘कुछ दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे’

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पीएम मोदी ने कहा- 21वीं सदी पूरी तरह टेक्नोलॉजी ड्रिवेन सेंचुरी है, ऐसे में इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना जरूरी है। हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। कुछ दल हैं जो लगातार युवाओं को धोखा दे रहे हैं। ये दल चुनाव के समय ये भत्ता देंगे, वो भत्ता देंगे वादे करते हैं, पूरा नहीं करते।

पीएम मोदी के इस हमले पर  विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर स्पीकर ने गरिमा प्रतिष्ठा बनाए रखने की अपील की और कहा कि बैठे बैठे टिप्पणी न करें। पीएम ने आगे कहा कि ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हुए हैं। हम कैसे काम करते हैं, ये हरियाणा में देश ने देखा है, बिना खर्ची, बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही युवाओं को नौकरी मिल गई। हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय. हरियाणा में इतिहास में तीसरी बार विजय ऐतिहासिक घटना है,महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम, इतिहास में सत्ता पक्ष के पास इतनी सीटें पहली बार हम जनता के आशीर्वाद से कर के आए हैं।

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