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आतंकवाद, वित्तपोषण और वित्तीय अपराध के खिलाफ सुरक्षा कवच; भारत में TNV LEI बना अग्रणी

लखनऊ। दुनियाभर में आतंकवाद वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (एलईआई) तेजी से सबसे प्रभावी वैश्विक उपकरण के रूप में उभर रहा है। कानूनी इकाइयों को एक विशिष्ट और सत्यापित डिजिटल पहचान प्रदान करने वाली यह प्रणाली उन जटिल संरचनाओं को उजागर करती है, जिनका उपयोग अपराधी अवैध लेन-देन छिपाने के लिए करते हैं। एलईआई आज वैश्विक वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता का आधार स्तंभ बन चुका है।

By Abhimanyu 
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लखनऊ। दुनियाभर में आतंकवाद वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (Legal Entity Identifier) तेजी से सबसे प्रभावी वैश्विक उपकरण के रूप में उभर रहा है। कानूनी इकाइयों को एक विशिष्ट और सत्यापित डिजिटल पहचान प्रदान करने वाली यह प्रणाली उन जटिल संरचनाओं को उजागर करती है, जिनका उपयोग अपराधी अवैध लेन-देन छिपाने के लिए करते हैं। एलईआई आज वैश्विक वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता का आधार स्तंभ बन चुका है।

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आरबीआई सहित अन्य बैंकों ने एलईआई को कर दिया अनिवार्य

भारत में एलईआई अपनाने को गति देने में टीएनवी एलईआई महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जीएलईआईएफ द्वारा मान्यता प्राप्त यह जारीकर्ता, टीएनवी ग्लोबल लिमिटेड की सहायक कंपनी है और एशिया की पहली निजी क्षेत्र की स्थानीय संचालन इकाई के रूप में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत कर रहा है। एएमएल और सीएफटी ढांचे में एलईआई का महत्व इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि यह दो सबसे अहम सवालों (कौन क्या है और कौन किसका मालिक है) का सटीक उत्तर देता है। इससे संदिग्ध स्वामित्व संरचनाओं का पर्दाफाश होता है, अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग आसान होता है और सीमा-पार भुगतानों में गुमनामी घटती है। वैश्विक नियामक, एलईआई को वित्तीय प्रणाली की पहचान की सार्वभौमिक भाषा तक कह चुके हैं।

भारत में आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और कई बैंकों ने बड़े लेन-देन, कॉर्पोरेट ऋण, प्रतिभूति रिपोर्टिंग और बीमा जोखिमों में एलईआई को अनिवार्य कर दिया है। इससे देश की वैश्विक एएमएल/सीएफटी अनुपालन छवि मजबूत हुई है और डिजिटल कॉमर्स को सुरक्षित आधार मिला है।

एलईआई : सुरक्षित विश्व के प्रति प्रतिबद्धता

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टीएनवी के निदेशक प्रज्ञेश कुमार सिंह का कहना है कि एलईआई केवल अनुपालन कोड नहीं, यह एक सुरक्षित विश्व के प्रति प्रतिबद्धता है। एलईआई, जो व्यवसाय एलईआई अपनाते हैं और इसका नियमित उपयोग करते हैं, वे एक वैश्विक पारदर्शिता नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं। इससे अपराधियों के लिए शेल कंपनियों या छिपे स्वामित्व ढांचों के पीछे छिपना लगभग असंभव है।

मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी हिमांशु रस्तोगी ने कहा कि टीएनवी एलईआई का मिशन है कि हर छोटे-बड़े व्यवसाय को यह वैश्विक विश्वास प्रणाली आसानी से उपलब्ध हो। एलईआई वैश्विक एंटी-क्राइम इन्फ्रास्ट्रक्चर की डिजिटल रीढ़ है।
हर नया जारी किया गया एलईआई दुनिया की क्षमता को लेन-देन ट्रैक करने, संबंध पहचानने और अपराध नेटवर्क को बाधित करने में मज़बूत बनाता है। हमारा तकनीकी ढांचा सटीकता, पारस्परिकता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जिससे भारतीय व्यवसाय आत्मविश्वास के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में भाग ले सकें।

एलईआई की संख्या 30 लाख के पार पहुंची

दुनियाभर में एलईआई की संख्या 30 लाख से पार पहुंच चुकी है, जिससे स्पष्ट है कि यूरोप, मध्य-पूर्व और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल लेन-देन के बढ़ते युग में पारदर्शिता और भरोसा सबसे बड़ी जरूरत है और एलईआई व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर भरोसेमंद पहचान प्रदान कर रहा है।

टीएनवी एलईआई का लक्ष्य भारत को इस वैश्विक पारदर्शिता ढांचे में अग्रणी बनाना है। संस्था का कहना है कि एलईआई न केवल वित्तीय अपराधों के खिलाफ सुरक्षा कवच है, बल्कि आधुनिक व्यवसायों के लिए रणनीतिक लाभ भी बन चुका है।

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