शारदीय नवरात्रि शक्ति का पर्व है। मां आदिशक्ति जगदम्बा की आराधना का सबसे श्रेष्ठ समय नवरात्रि है। नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है।
Shardiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि शक्ति का पर्व है। मां आदिशक्ति जगदम्बा की आराधना का सबसे श्रेष्ठ समय नवरात्रि है। नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है। आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप से अलग-अलग मनोरथ पूर्ण होते हैं।
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी, जो 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।
मां शैलपुत्री पूजा मंत्र
देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम।
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
बीज मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
किस दिन किसकी पूजा
3 अक्टूबर को प्रतिपदा पर माता शैलपुत्री
4 अक्टूबर को द्वितीया पर ब्रह्मचारिणी
5 अक्टूबर को तृतीया पर चंद्रघंटा का पूजन
6 व 7 अक्टूबर को चतुर्थी पर माता कुष्मांडा का पूजन
8 अक्टूबर को पंचमी तिथि पर स्कंदमाता का पूजन
9 अक्टूबर को षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी का पूजन
10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि पर माता कालरात्रि का पूजन
11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों पर माता महागौरी व सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा