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Strait of Hormuz: ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद किया तो भारत के पास कई विकल्प मौजूद, नहीं होगी कच्चे तेल की कमी!

Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच जंग में अमेरिका के कूदने से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिये हैं। इसी बीच ईरान की ओर से उसके नियंत्रण वाले स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) को बंद करने की आशंका जतायी जा रही है। पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

By Abhimanyu 
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Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच जंग में अमेरिका के कूदने से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिये हैं। इसी बीच ईरान की ओर से उसके नियंत्रण वाले स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) को बंद करने की आशंका जतायी जा रही है। पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

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दरअसल, स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) से होकर जाने वाले कच्चे तेल (Crude Oil) का 44 फीसदी हिस्सा एशिया में जाता है। इसमें ज्यादातर चीन (China) में और कुछ हद तक भारत (India) में पहुंचता है। अगर ईरान ने अपने दुश्मनों पर दबाव बनाने के लिए इसे बंद किया तो वैश्विक तेल और गैस आपूर्ति में कुछ समय तक व्यवधान हो सकता है। हालांकि, भारत के पास कई हफ्तों तक अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तेल है। इसके अलावा, भारत के पास रूस का विकल्प बचा हुआ है।

रूस से आने वाला तेल स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) से होकर न होकर स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप या प्रशांत महासागर के रास्ते आता है। हालांकि, अमेरिका, प. अफ्रीका व लैटिन अमेरिका से आपूर्ति महंगी है, लेकिन तेजी से व्यवहार्य विकल्प बन रही है। वहीं, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि भारत कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी ईंधन आपूर्ति की स्थिरता के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत सरकार दो हफ्तों से पश्चिम एशिया के हालात पर बारीक नजर रखे हुए है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं। अब हमारी अधिकांश आपूर्ति होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आती। ‘ उन्होंने कहा कि भारत के कुल 55 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तेल आयात में से लगभग 20 लाख बीपीडी ही इस संकरे जलमार्ग से होकर आता है। हालांकि, भारत ने बीते कुछ साल में रूस, अमेरिका व ब्राजील जैसे अलग-अलग देशों से तेल आपूर्ति सुनिश्चित की है।’

केंद्रीय मंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, ‘हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई हफ्तों की आपूर्ति है। उन्हें कई मार्गों से आपूर्ति होती रहती है। हम अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’

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