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सुप्रीम कोर्ट ने डीए मामले में ओएएस अधिकारी को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया, ये है मामला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) के अधिकारी बिजय केतन साहू (Bijay Ketan Sahu) को गिरफ्तारी से सोमवार को संरक्षण प्रदान कर दिया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

 

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) के अधिकारी बिजय केतन साहू (Bijay Ketan Sahu) को गिरफ्तारी से सोमवार को संरक्षण प्रदान कर दिया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने अधिकारी को इस शर्त पर राहत दी कि वह विशेष अदालत के समक्ष पेश होंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने मामले में धन शोधन रोधी एजेंसी (Anti-Money Laundering Agency) को भी नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की।

उड़ीसा हाईकोर्ट (Orissa High Court) ने इससे पहले साहू को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि ओएएस (OAS)  अधिकारी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। संघीय एजेंसी ओडिशा की वित्तीय सेवा अधिकारी नलिनी प्रुस्टी और उनके पति राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बिजय केतन साहू के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 5.05 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में जांच कर रही है।

ईडी (ED)  ने एक बयान में कहा कि नलिनी प्रुस्टी और बिजय केतन साहू ने अपनी अवैध आय का निवेश विभिन्न भू-संपत्तियों को हासिल करने और नलिनी प्रुस्टी की मां देबाकी प्रुस्टी के नाम पर बैंक निवेश करने में किया जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।

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