राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले (Chittorgarh District) के एक सरकारी स्कूल के अश्लीलता फैलाने वाले वीडियो के मामले में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे शिक्षक और शिक्षिका को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभाग ने इसके लिए दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले (Chittorgarh District) के एक सरकारी स्कूल के अश्लीलता फैलाने वाले वीडियो के मामले में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे शिक्षक और शिक्षिका को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभाग ने इसके लिए दो अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। वहीं, एक दिन पूर्व ही दोनों के खिलाफ गंगरार पुलिस थाने (Gangrar Police Station) में जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) ने फौजदारी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया था।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ के गंगरार उपखंड क्षेत्र (Gangrar Subdivision Area) में स्थित राजकीय विद्यालय सालेरा विद्यालय का वीडियो सोशल मीडिया पर आया था। इसमें विद्यालय समय में ही प्राचार्य कक्ष में अति अश्लील हरकतें करते कैमरे में कैद होने वाले कार्यवाहक प्राचार्य अरविंद व्यास (Acting Principal Arvind Vyas) व महिला शिक्षक को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजेंद्र शर्मा (District Education Officer (Primary) Rajendra Sharma) ने मामले की जांच के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद उच्च अधिकारियों से चर्चा कर एक आदेश जारी कर दोनों को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया।
आदेश में लिखा है कि सोमवार को दोनों आरोपित जांच समिति के समक्ष पेश हुए। इसमें उनसे घटना को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया। आरोपित व्यास ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, जबकि महिला शिक्षक ने वीडियो में खुद का होना तो स्वीकार किया। लेकिन वीडियो के घटनाक्रम को एडिट बताया। जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा (District Education Officer Sharma) ने बताया कि वीडियो की जांच के बाद बिल्कुल सही पाया गया है। इसके बाद ही दोनों के विरुद्ध गंगरार थाने (Gangrar Police Station) पर सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता फैलाने का प्रकरण विभाग की ओर से दर्ज करवाया गया है।
गौरतलब है कि आरोपित शिक्षक अरविंद व्यास (Accused Teacher Arvind Vyas) संयुक्त कर्मचारी महासंघ का प्रदेशाध्यक्ष (State President of Joint Employees Federation) है और सत्ताधारी भाजपा व नेताओं के बेहद करीबी हैं। नेतागिरी के चलते ही यह जिस स्कूल में घटना हुई, वहां पिछले चौदह साल से कार्यवाहक प्राचार्य बना हुआ है और मूल पद पर किसी को भी नियुक्त नहीं होने दिया। इधर, गंगरार पुलिस थाने (Gangrar Police Station) में दर्ज फौजदारी प्रकरण के मामले में पुलिस अनुसंधान कर रही है।