'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है...' कवि अदम गोंडवी की कविता के ये लाइनें स्वास्थ्य विभाग पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में 54 से अधिक वेंटिलेटर बंद पड़े हैं। कही मैनपावर का संकट है तो कहीं विशेषज्ञ न होने से वेंटिलेटर बंद हैं।
लखनऊ। ‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है…’ कवि अदम गोंडवी की कविता के ये लाइनें स्वास्थ्य विभाग पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में 54 से अधिक वेंटिलेटर बंद पड़े हैं। कही मैनपावर का संकट है तो कहीं विशेषज्ञ न होने से वेंटिलेटर बंद हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अफसर कागजों पर व्यवस्थाएं ठीक होने का दावा करते नहीं थक रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल में 40 में 10 वेंटिलेटर बंद, ठाकुरगंज, महानगर चिकित्सालय में वेंटिलेटर बंद,रानी लक्ष्मीबाई में स्टाफ न होने से वेंटिलेटर बंद,बीकेटी रामसागर मिश्र चिकित्सालय में वेंटिलेटर बंद,लोकबंधु अस्पताल में 30 में 26 वेंटिलेटर बंद,रानी लक्ष्मी बाई, लोकबंधु को भेजा गया नोटिस,मामले में लखनऊ के जिलाधिकारी विशाखजी ने नोटिस भेजा है। इसके साथ ही जांच के आदेश दिए हैं। DM ने मामले को लिया गंभीरता से लेते हुए CMHO के जरिए अस्पताल प्रभारियों को भेजा नोटिस है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई होगी। अस्पतालों में बंद वेंटिलेटर से मरीजों की जान जोखिम में है।
बता दें कि बलरामपुर अस्पताल 750 बेड की क्षमता का अस्पताल है। यहां करीब 40 वेंटिलेटर है। इसमें 30 पर मरीजों की भर्ती हो रही है। अफसरों का कहना है कि मैनपावर बढ़ने बाद वेंटिलेटर यूनिट की क्षमता बढ़ाई जाएगी। बीआरडी महानगर व ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में दो-दो वेंटिलेटर हैं। दोनों जगह डॉक्टर व स्टाफ प्रशिक्षित न होने से वेंटिलेटर बंद पड़े हैं। ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि अस्पताल से डॉक्टर व स्टाफ का बैच प्रशिक्षण के लिए नहीं गया है। ऐसे में बिना प्रशिक्षण यूनिट संचालन संभव नहीं है।
वहीं, बीआरडी अस्पताल के सीएमएस डॉ. रंजीत ने बताया कि उनके यहां भी डॉक्टर व स्टाफ के प्रशिक्षित न होने से वेंटिलेटर संचालन नहीं हो रहा है। रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में चार बेड की वेंटिलेटर यूनिट है। प्रशिक्षण के बाद भी यहां गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। डॉक्टर गंभीर मरीजाें को हायर सेंटर जाने की सलाह दे रहे हैं। इसी तरह बीकेटी स्थित रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय में छह वेंटिलेटर हैं।
अस्पताल से डॉक्टर व स्टाफ मिलाकर पांच की टीम लोहिया संस्थान प्रशिक्षण के लिए गई है। वहीं, लोकबंधु अस्पताल में 30 बेड वेंटिलेटर हैं। यहां चार बेड पर मरीजों की भर्ती हो रही है। 26 वेंटिलेटर यहां भी बंद पड़े हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया कि अग्निकांड के बाद से यूनिट बंद हैं। पहले दस वेंटिलेटर पर मरीजों की भर्ती हो रही थी।
इधर, स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि सभी अस्पतालों के डॉक्टर व स्टाफ को वेंटिलेटर प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। प्रशिक्षण से लौटने बाद अस्पतालों में वेंटिलेटर यूनिट एक्टिव हो जाएगी।