बढ़ती उम्र में होने वाली कमजोरी और पाचन समेत कई समस्याओं के लिए बेहतरीन औषधी हैं विधारा का पौधा। विधारा के फूल, पत्तियां यहां तक की जड़ और बीज का इस्तेमाल तमाम बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए उपचार में किया जाता है। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताये गए हैं।
बढ़ती उम्र में होने वाली कमजोरी और पाचन समेत कई समस्याओं के लिए बेहतरीन औषधी हैं विधारा का पौधा।
विधारा के फूल, पत्तियां यहां तक की जड़ और बीज का इस्तेमाल तमाम बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए उपचार में किया जाता है। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताये गए हैं।
बुढ़ापे में होने वाली शारीरिक कमजोरी, थकान को दूर करने के अलावा डेली इसका सेवन करने से नसों और मसल्स को शक्ति मिलती है। जिससे बुढापे में भी नई ताजगी का एहसास होता है। विधारा सबसे अधिक इस्तेमाल यौन कमजोरी को ठीक करने के लिए किया जाता है। डेली इसका सेवन करने से प्रजनन तत्व को पोषण मिलता है। यौन शक्ति बढ़ती है।
इतना ही नहीं विधारा पाचन को मजबूत करने में मदद करता है। विधारा की जड़ एंव पत्तियों में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व पाये जाते है। जो शरीर के घाव को जल्दी भरने में मदद करते है। विधारा की पत्तियों का लेप बनाकर घाव पर लगाने से आराम मिलताहै।
इतना ही नहीं चेहरे पर निकलने वाले मुंहासों और दाग धब्बों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। जो लोग गठिया या जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं ऐसे लोगो के लिए भी यह फायदेमंद होता है। गठिया और जोड़ों के दर्द में विधारा की पत्तियों का लेप बनाकर लगाया जाए तो काफी आराम मिलता है।
विधारा के पौधे के जड़ के चूर्ण का इस्तेमाल दूध या पानी में आवश्यकता के अनुसार दिन में एक से दो बार किया जा सकता है। इसका काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। हालांकि, ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर लें।