विवाह जीवन का एक प्रमुख संस्कार भी है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त देख कर विवाह करने की परंपरा रही है। विवाह मुहूर्तों के लिए गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी माना गया है।
Vivah Muhurat 2025 : विवाह जीवन का एक प्रमुख संस्कार भी है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त देख कर विवाह करने की परंपरा रही है। विवाह मुहूर्तों के लिए गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी माना गया है। इसलिए ग्रह दशाओं के अनुकूल न होने पर कोई शुभ कार्य करने की मनाही होती है। सूर्य 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में गोचर कर चुके हैं. ऐसे में 14 जनवरी से खरमास यानि मलमास समाप्त हो गए हैं. इसके साथ ही शुभ एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। फिर से शहनाई की धुन चारों तरफ सुनाई देगी और 2025 में विवाह के 76 शुभ मुहूर्त हैं।
2025 विवाह के शुभ मुहूर्त
जनवरी: 16, 17, 18, 19, 21, 22, 24, 26, 30
फरवरी: 3, 4, 6, 7, 13, 14, 15, 18, 19, 20, 21, 25
मार्च: 3, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14
अप्रैल: 14, 15, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई: 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28
जून: 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8
नवंबर: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 30
दिसंबर: 1, 4, 5, 6
शुक्र -गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते
विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए।