छठ के महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो चुकी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का तीसरा दिन होता है। छठ पर्व के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का विशेष महत्व होता है।
Chhath Puja 2025 Surya Arghya : छठ के महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो चुकी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का तीसरा दिन होता है। छठ पर्व के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का विशेष महत्व होता है।
संध्या अर्घ्य
इस अर्घ्य को देने के लिए व्रतधारी सूर्यास्त से पहले किसी नदी या घाट पर पहुंचते हैं। फिर वहां पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है (Surya Arghya Time)। इस पूजा के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, धूप, अगरबत्ती, हल्दी और कई अन्य सामग्री रखी जाती है। छठ महापर्व में डूबते सूर्य को अर्घ्य देना कृतज्ञता और संतुलन का प्रतीक माना जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और जीवन के हर उतार-चढ़ाव को बताती है।
छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय 27 अक्टूबर 2025 की शाम 5 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है।
इस समय व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्य और छठी मइया का आभार व्यक्त करती हैं। मान्यता है डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही उगते सूर्य को अर्घ्य देने का जीवन में नई शुरुआत और सकारात्मकता को दर्शाता है।
ऊषा अर्घ्य
छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसे ऊषा अर्घ्य भी कहा जाता है। छठ का आखिरी दिन 28 अक्टूबर को है इसी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जानें आपके शहर में कब होगा सूर्योदय।