अखिलेश यादव ने कहा कि, वर्चस्ववादी और प्रभुत्वादी लोग लगातार PDA परिवार के लोगों को डरा रहे हैं, धमका रहे हैं। भागवत कथा सबके लिए है, जब सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते। कुछ प्रभुत्वादी लोग, कथवाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं।
लखनऊ। इटावा में कथावाचक और उसके साथियों से अभद्रता करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्षी दल नेताओं ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को इस मामले को लेकर प्रेस कॉफ्रेंस की और पीड़ित कथावाचकों से भी मुलाकात की।
अखिलेश यादव ने कहा कि, वर्चस्ववादी और प्रभुत्वादी लोग लगातार PDA परिवार के लोगों को डरा रहे हैं, धमका रहे हैं। भागवत कथा सबके लिए है, जब सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते। कुछ प्रभुत्वादी लोग, कथवाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं।
"कुछ प्रभुत्वादी लोग, कथवाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/wxqhFWYQ1r
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 24, 2025
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उन्होंने आगे कहा, अगर PDA समाज से इतना ही परहेज है तो घोषित करदे कि परंपरागत रूप से कथा कहने वाले वर्चस्वादी, PDA समाज द्वारा दिया गया चढ़ावा, चंदा, दान, दक्षिणा कभी स्वीकार नहीं करेंगे। भाजपा राज में PDA समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है। देश के राष्ट्रपति भी हेय दृष्टि का सामना कर चुके है। सच तो यह है जैसे जैसे PDA समाज पर चेतना और जागरूकता बढती जा रही है, वैसे वैसे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए PDA समाज पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है।
अगर भाजपा को लगता है कि कथा कहने पर एक वर्ग विशेष का ही अधिकार है तो वो इसके लिए भी कानून बनाकर दिखा दे, जिस दिन पीडीए समाज ने अपनी कथा अलग से कहना शुरू कर दी, उस दिन इन परम्परागत शक्तियों का साम्राज्य ढह जाएगा। भाजपा जाए, तो हम सबको चैन आये।