Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहार है। संस्कृत में ‘नवरात्रि’ शब्द का अर्थ है ‘नौ रातें’, और यह हिंदू देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों – मां दुर्गा, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां की पूजा के लिए समर्पित त्योहार है।
Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहार है। संस्कृत में ‘नवरात्रि’ शब्द का अर्थ है ‘नौ रातें’, और यह हिंदू देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों – मां दुर्गा, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां की पूजा के लिए समर्पित त्योहार है। साथ ही गौरी और सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान देशभर में तरह-तरह के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजित किए जाते हैं। आइए जानें चैत्र नवरात्रि 2024 की डेट (Chaitra Navratri 2024 Date) , तिथियां और संपूर्ण जानकारी।
चैत्र नवरात्रि 2024 कब है?
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू होगी 17 अप्रैल 2024 तक मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri ) की अष्टमी को सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। नवरात्रि के 9वें दिन पड़ती है जो 17 अप्रैल को है।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।
घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 6:02 बजे से लेकर सुबह 10:16 (अवधि- 4 घंटे 14 मिनट)
कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:57 से लेकर दोपहर 12:48 (51 मिनट)
चैत्र नवरात्रि 2024:
9 अप्रैल 2024 – मां शैलपुत्री
10 अप्रैल 2024 – मां ब्रह्मचारिणी
11 अप्रैल 2024- मां चंद्रघंटा
12 अप्रैल 2024- मां कुष्मांडा
13 अप्रैल 2024 – मां स्कंदमाता
14 अप्रैल 2024- मां कात्यायनी
15 अप्रैल 2024- मां कालरात्रि
16 अप्रैल 2024- महागौरी
17 अप्रैल 2024- सिद्धिदात्री
चैत्र नवरात्रि 2024 में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आएंगी
इस साल चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri ) मंगलवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि में मंगलवार और शनिवार के दिन मां का आगमन घोड़े पर होता है जिसे शास्त्रों में अशुभ माना गया है। ऐसे में इस बार चैत्र नवरात्रि 2024 में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आएंगी। माता का वाहन घोड़ा प्राकृतिक आपदाओं का प्रतीक होता हैं। ऐसे में इसका अर्थ है कि भविष्य के संकटों के प्रति वर्तमान से ही सचेत हो जाएं।