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Chaitra Navratri maa katyayani ki pooja : मां कात्यायनी की पूजा की पूजा से मनचाहे वर की प्राप्ति होती , लगाएं शहद का भोग

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के छठवें स्वरूप  मां कात्यायनी की पूजा होती है।   मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था। इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Chaitra Navratri maa katyayani ki pooja : चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के छठवें स्वरूप  मां कात्यायनी की पूजा होती है।   मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था। इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है। मां कात्यायनी को पीला रंग प्रिय है इसलिए पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ होता है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी। विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है। मां कात्यायनी अपने भक्तों को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फल प्रदान करती हैं।

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मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प और भोग चढ़ाएं। मान्यता है इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ माता की आराधना करने और व्रत रखने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। प्रिय भोग- मां कात्यायनी को शहद का भोग प्रिय है। ऐसे में पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।

मंत्र
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

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