बिही दाना औषधिय गुणों से भरपूर होत है। इसका सेवन करने से शरीर की तमाम समस्याओं और बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इतना ही नहीं अगर गले में खराश, सूखी खांसी या गले में टॉन्सिल की समस्या से परेशान है तो बिही दाना आफके लिए फायदेमंद हो सकता है।
Benefits of behi dana: बिही दाना औषधिय गुणों से भरपूर होत है। इसका सेवन करने से शरीर की तमाम समस्याओं और बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इतना ही नहीं अगर गले में खराश, सूखी खांसी या गले में टॉन्सिल की समस्या से परेशान है तो बिही दाना आफके लिए फायदेमंद हो सकता है।
इसका सेवन करने के लिए इसे रातभर भिगोया जाता है। फिर सुबह इसमें से निकलने वाला जेलनुमा अर्क निकालकर पीने से गले की सूजन और दर्द में आराम मिलता है। गले को ठंडक देता है और संक्रमण से लड़ने में हेल्प करता है।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च स्टडी के अनुसार सिडोनिया ओब्लोंगा मिलर यानी बिही दाना रोसेसी परिवार का एक मोनोटाइपिक जीनस है जिसका उपयोग मधुमेह, कैंसर, संक्रमण और अल्सर जैसी कई चिकिस्ता स्थितियों के इलाज या रोकथाम के लिए किया जाता है। बिही दाना में म्यूसीलेज (एक प्रकार का प्राकृतिक जेल) पेट की परत को सुरक्षा प्रदान करता है और कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह आंतों को भी साफ रखता है।
इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है। बिही दाना का जेल चेहरे पर लगाने से स्किन को नमी मिलती है, झुर्रियां कम होती हैं और स्किन में ग्लो आता है। यह एक नेचुरल मॉइश्चराइज़र की तरह काम करता है।
इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। डेली इसका सेवन करने से सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। इतना ही नहीं सांस से संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, दमा आदि में भी फायदेमंद होता है।
बिही दाना सांस की नली को साफ करता है और म्यूकस को पतला करने में मदद करता है, जिससे दमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में राहत मिलती है। बिही दाना को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इसका जेल निकालकर गुनगुने पानी या शहद के साथ सेवन करें।