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शासन व नेशनल मेडिकल कांउसिल के आदेशों को धता बताते हुए डॉ. एमएलबी भट्ट को बनाया कल्याण सिंह कैंसर संस्थान का निदेशक, 35 दावेदार बने फिसड्डी

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान का नया निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट को नियुक्त किया गया है। शासन के नियमों व नेशनल मेडिकल कांउसिल के आदेशों को दरकिनार करते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने उनकी नियुक्ति का पत्र शनिवार को जारी दिया है।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान का नया निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट को नियुक्त किया गया है। शासन के नियमों व नेशनल मेडिकल कांउसिल के आदेशों को दरकिनार करते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने उनकी नियुक्ति का पत्र शनिवार को जारी दिया है।

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बता दें कि कैंसर संस्थान में साल 2017 से इलाज शुरू हो गया था, लेकिन शासन इस संस्थान के निदेशक पद की नियुक्ति को लेकर आज तक नियमावली नहीं तैयार कर पाया है। लिहाजा, अब तक पीजीआई के नियमों के तहत कई नियुक्तियां हो रही है। पीजीआई के नियमावली के मुताबिक, निदेशक पद के लिए 65 साल उम्र तक ही आवेदन किया जा सकता है, जबकि प्रो. एमएलबी भट्ट इस दायरे से ऊपर थे। ऐसे में उनके आवेदन के खिलाफ शिकायत भी हुई थी। साथ ही कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक पद के विज्ञापन में उम्र की शर्त का कोई जिक्र न होने पर भी सवाल उठे थे। इस मामले को लेकर यूपी के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय तक पत्र भेजे गए थे। ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया दोबारा स्थगित होने की अटकलें लग रही थी, लेकिन शनिवार को शासन ने पत्र जारी कर नियमों की धज्जियां उड़ा दी हैं ।

डॉ. एमएलबी भट्ट की नियुक्ति के अलावा उनके कार्यकाल को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।। शासन के तरफ से जारी आदेश में उन्हें पांच साल के लिए निदेशक बनाया गया है, जबकि नेशनल मेडिकल कांउसिल की ओर कोई भी व्यक्ति 70 साल के बाद किसी भी संस्था का निदेशक नहीं रह सकता। प्रो. एमएलबी भट्ट की उम्र करीब 67 साल है। ऐसे में यह साफ नहीं है कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे या बीच में ही पद छोड़ना पड़ेगा।

आखिरकार स्वास्थ्य विभाग  की क्या थी मजबूरी ? 

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कैंसर संस्थान के निदेशक पद के लिए पिछले साल 21 दिसंबर को इंटरव्यू हुए थे। इसमें 35 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया था। सबसे ज्यादा आठ आवेदन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में थे। आवेदकों में प्रो. एमएलबी भट्ट के अलावा केजीएमयू और कमांड अस्पताल के एक डॉक्टर का भी नाम था। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की क्या मजबूरी थी? जो नियमों को धता बताते हुए प्रो. एमएलबी भट्ट को निदेशक नियुक्त किया गया है।

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