सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग यूपी में दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा प्राप्त कार्मियों की प्रोन्नति निरस्त करने का आदेश बीते साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के तरफ से किए गए विभिन्न आदेशों के क्रम में अनुरेखक व समूह ' ग' से अवर अभियंता के पद पर पदोन्नति निरस्त करने का स्पष्ट आदेश जारी किये जाने के बावजूद विभाग ने अनुपालन की जहमत नहीं उठाई।
लखनऊ। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग यूपी में दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा प्राप्त कार्मियों की प्रोन्नति निरस्त करने का आदेश बीते साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के तरफ से किए गए विभिन्न आदेशों के क्रम में अनुरेखक व समूह ‘ ग’ से अवर अभियंता के पद पर पदोन्नति निरस्त करने का स्पष्ट आदेश जारी किये जाने के बावजूद विभाग ने अनुपालन की जहमत नहीं उठाई।
मिली जानकारी के अनुसार विभाग में करीब चार दर्जन से अधिक लोग हैं जो अपने पदों पर बने हुई, जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनकी पदोन्नति निरस्त किया जाना था। अब सवाल उठता है कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग यूपी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना पर क्यूं उतारू है? जबकि आदेश जारी हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग सिर्फ 24 फरवरी 2024 को एक सर्कुलर जारी कर अपने जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली है।
बताते चलें कि मुख्य अभियंता (कार्मिक 7/8) अजय प्रताप श्रीवास्तव ने 24 फरवरी 2024 को सरकुर्लर जारी कर लिखा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के तरफ से किए गए विभिन्न आदेशों के क्रम में कार्यालय के ज्ञाप संख्या 6479/ई-7 समूह ‘ ग’ प्रोन्नति, दिनांक 12 दिसंबर 2020 को दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमा प्राप्त कर्मिको को दी गई प्रोन्नति का निरस्त कर दिया गया है। अत: आपसे अनुरोध है कि अनुरेखक व समूह ‘ ग’ से अवर अभियन्ता के पद पर प्रोन्नति हुए अवर अभियंताओं के उनके मूल पद पर प्रत्यावर्तिक करने हेतु नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई करने का कष्ट करें।
प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष (सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग) अनिल कुमार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पर्दाफाश डाट काम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों की बाद जो आज भी पद पर जमे हुए हैं। उनकी सूची जल्द प्रकाशित करेगा। ताकि जनता के सामने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का असली चेहरा सामने आ सके।