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Jivitputrika Vrat 2024 : इस दिन रखा जाएगा जितिया व्रत, भगवान जीमूतवाहन की पूजा होती है

जितिया का व्रत माताएं अपने बच्चे की सलामती और लंबी उम्र के लिए रखती है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) और जितिया पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Jivitputrika Vrat 2024 : जितिया का व्रत माताएं अपने बच्चे की सलामती और लंबी उम्र के लिए रखती है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) और जितिया पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माताएं भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। जिन्हें गंधर्व राजकुमार माना जाता है।  यह निर्जला व्रत होता है जिसमें जल भी नहीं पिया जाता है। व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ही रखा जाता है।

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जितिया का व्रत तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, जितिया का व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, जितिया का व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत मंगलवार 24 सितम्बर 2024 को 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और अष्टमी तिथि समापन बुधवार 25 सितंबर 2024 दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत 25 सितंबर बुधवार को रखा जाएगा।

शुभ मुहूर्त
25 सितंबर 2024 को जितिया व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक है और सोमवार 24 सितंबर 2024 को जितिया व्रत के नहाय-खाय की पूजा होगी।

इस दिन भगवान जीमूतवाहन (jimutvahan)की पूजा की जाती है. कुशा से बनी जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप, चावल और पुष्ण अर्पित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, व्रत में गाय के गोबर और मिट्टी से चील और सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है। पूजा करते हुए इनके माथे पर सिंदूर से टीका लगाते हैं और पूजा समाप्त होने के बाद जितिया व्रत की कथा (Jitiya Vrat Katha) सुनी जाती है।

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